भारत के सुरक्षा वातावरण की जटिल प्रकृति को रेखांकित करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि देश की सीमा सात देशों से लगती है, जिससे यह अत्यधिक संवेदनशील बन जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद भारत के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है।
अमेरिका से टैरिफ वार छिड़ने के बाद भारत और चीन ने अपने संबंधों को नया विस्तार देना शुरू कर दिया है। इससे एशिया में अमेरिकी का रणनीति और कूटनीति को बड़ा झटका लगा है।
अमेरिका से छिड़े टैरिफ वार के बीच चीनी सेना ने भारत के साथ एलएसी विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। चीन की सेना ने दोनों देशों से सीमा पर शांति और सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की है।
भारत ने बीते कुछ सालों में बॉर्डर पर बड़े स्तर पर बदलाव किए हैं। BRO के DG लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने सीमा पर बनाए गए सड़कों, सुरंगों और पुल आदि के बारे में जानकारी दी है।
जयशंकर की चीन यात्रा इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि यह दोनों देशों के बीच संचार के रास्ते खोलने और कूटनीतिक प्रयासों को फिर से पटरी पर लाने की दिशा में एक कदम हो सकती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष से मुलाकात में स्पष्ट सीमा रेखा, सैनिकों की वापसी और भरोसा बहाली की मांग की। उन्होंने सीमा विवाद के स्थायी समाधान और सांस्कृतिक सहयोग को भी अहम बताया।
चीन द्वारा भारत के अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों का नाम फिर से बदला गया है। इस पर भारत ने चीन को सख्त संदेश भेजा है और कहा है कि अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
जम्मू-कश्मीर और इंटरनेशनल बॉर्डर से लगे अन्य इलाकों में अब शांति है। बीती रात किसी तरह की घटना की खबर सामने नहीं आई है।
राहुल गांधी ने कहा- मुझे यह भी पता चला है कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने चीन को चिट्ठी लिखी है। हमें यह बात अपने लोगों से नहीं बल्कि चीनी राजदूत से पता चल रही है जो यह बात कह रहे हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे से पहले ही चीन ने भारत के साथ संबंधों को सुधारने और एलएसी विवाद को सुलझाने के बाबत बड़ा बयान दिया है। बता दें कि आज ही रूस ने आधिकारिक बयान में कहा था कि राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी के आमंत्रण को स्वीकार कर भारत जाने की योजना बना रहे हैं।
भारत और चीन के बीच रिश्तों में सुधार का दौर जारी है। जून 2020 में गलवान घाटी हिंसा के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में चल रहा तनाव अब दूर होने लगा है। साथ ही दोनों देशों के संबंधों में मजबूती का दौर शुरू हो गया है।
पीएम मोदी ने कहा, "अगर हम सदियों पीछे देखें, तो हमारे बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है। यह हमेशा एक-दूसरे से सीखने और एक-दूसरे को समझने के बारे में रहा है।"
भारत और चीन के बीच में एलएसी पर चल रहे वर्षों के गतिरोध को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। चीन ने सीमा पर अब नया प्रस्ताव लागू करने का ऐलान किया है।
भारत-चीन के बीच एलएसी और भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी विवाद के बीच अब भारत-बांग्लादेश के बीच भी नया सीमा विवाद शुरू हो गया है। इसने भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। इस मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच 16 फरवरी को अहम वार्ता होने जा रही है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा से भले ही भारत और चीन ने अपने-अपने सैनिक हटा लिए हैं, लेकिन अभी भी दोनों देशों को कुछ इंतजार है। इसके बाद ही शांति की स्थापना हो सकेगी।
भारत-चीन के सेैनिकों ने एलएसी पर विवाद सुलझाने के बाद डेमचोक और देपांसग में साझा गश्त शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय के अनुसार डिसइंगेजमेंट का सत्यापन करने और दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए साझा गश्त की जा रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि बात डिसइंगेजमेंट से भी आगे बढ़े, लेकिन उसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। फिलहाल दोनों देशों की सेनाएं सीमा से पीछे हट गई हैं। अब चरवाहों के पास पशु चराने के लिए पहले से ज्यादा चारागाह होंगे।
LAC पर बहुत बड़ा अपडेट सामने आया है। चीन की सेना LAC से पीछे हट गई है। डेपसांग और डेमचोक से दोनों सेनाएं पीछे हटीं हैं। LAC पर डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
भारत-चीन के लोकल मिलिट्री कमांडर आज LAC पर देपसांग और डेमचॉक में मिलेंगे। बृहस्पतिवार यानी 31 अक्टूबर से दोनों देशों की पेट्रोलिंग शुरू हो जाएगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पहला और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा सैनिकों की वापसी का है। दूसरा मुद्दा दोनों देशों के बीच तनाव कम करना है।
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