Wednesday, April 23, 2025
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हिंदी-चीनी फिर होंगे भाई-भाई, सीमा सुरक्षा से लेकर मानसरोवर यात्रा तक पर भारत-चीन में बनी बात

भारत और चीन के बीच रिश्तों में सुधार का दौर जारी है। जून 2020 में गलवान घाटी हिंसा के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में चल रहा तनाव अब दूर होने लगा है। साथ ही दोनों देशों के संबंधों में मजबूती का दौर शुरू हो गया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 26, 2025 19:22 IST, Updated : Mar 26, 2025 19:22 IST
भारत-चीन बॉर्डर क्षेत्र (फाइल फोटो)
Image Source : AP भारत-चीन बॉर्डर क्षेत्र (फाइल फोटो)

बीजिंग: भारत और चीन के बीच 4 साल से चल रहा तनाव अब काफी हद तक कम हो गया है। खास बात यह है कि चीन बदलते वैश्विक परिवेश में खुद ही भारत से अपने रिश्ते को मजबूत करने में जुटा है। ऐसे में एक बार फिर हिंदी-चीनी भाई-भाई का पुराना नारा जीवंत होता दिख रहा है। पिछले साल पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रियो डी जेनेरियो में हुई द्विपक्षीय वार्ता ने दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघला दिया है। साथ ही इस मुलाकात ने अब शांति और सौहार्द्रपूर्ण रिश्तों की एक नई नींव भी तैयार कर दी है।

 चीन-भारत सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ भारतीय राजनयिक गौरांगलाल दास ने चीनी सहायक विदेश मंत्री हांग लेई से मुलाकात की और दोनों देशों के संबंधों तथा सीमा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने मंगलवार को डब्ल्यूएमसीसी की 33वीं बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और बाद में हांग से मुलाकात की।

चीनी विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि दोनों पक्षों ने पारस्परिक संबंधों, दोनों देशों के बीच सीमा स्थिति और अन्य मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। भारत और चीन ने मंगलवार को बीजिंग में कूटनीतिक वार्ता का एक नया संस्करण आयोजित किया, जिसमें प्रभावी सीमा प्रबंधन सुनिश्चित करने और सीमा पार नदियों और कैलाश-मानसरोवर यात्रा सहित सीमा पार सहयोग और आदान-प्रदान को शीघ्र बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। डब्ल्यूएमसीसी की बैठक में दोनों पक्षों ने दिसंबर में विशेष प्रतिनिधि (एसआर) स्तर वार्ता में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत के दौरान लिये गए निर्णयों को प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न उपायों और प्रस्तावों पर विचार किया।

भारत-चीन में होगी एक और बैठक

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत और चीन इस वर्ष के अंत में भारत में आयोजित होने वाली अगली विशेष प्रतिनिधि बैठक के लिए ‘‘पर्याप्त तैयारी’’ करने के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमत हुए। इसमें कहा गया कि बैठक ‘‘सकारात्मक और रचनात्मक’’ माहौल में हुई और दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति की ‘‘व्यापक’’ समीक्षा की। विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि समग्र द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू विकास के लिए सीमा पर शांति और स्थिरता ‘‘महत्वपूर्ण’’ है। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने डब्ल्यूएमसीसी की बैठक ‘‘सकारात्मक, रचनात्मक और दूरदर्शी’’ रुख के साथ की।

सीमा सुरक्षा और सहयोग पर बनी बात

चीन की ओर से कहा गया कि चर्चा 23वीं एसआर वार्ता में सीमा वार्ता, सीमा नियंत्रण, सीमा पार आदान-प्रदान और सहयोग पर बनी सहमति के कार्यान्वयन पर केंद्रित थी। बयान के मुताबिक, दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए व्यावहारिक और प्रभावी कदम उठाने तथा चीन-भारत सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की अगली 24वीं बैठक की सक्रियता से तैयारी करने पर सहमत हुए। (भाषा)

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