यह सुधार चीन के साथ दीर्घकालिक तनाव के बाद भारत-चीन संबंधों में एक नए अध्याय का संकेत देता है, जो दोनों देशों के लोगों के बीच आवागमन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा।
अब से पहले दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट 2020 की शुरुआत तक ऑपरेट होती थी, फिर कोविड-19 महामारी के कारण इन्हें निलंबित कर दिया गया था।
नई दिल्ली में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि भारत और चीन को अमेरिका द्वारा लगाए गए अनुचित टैरिफ का मिलकर मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने आर्थिक सहयोग, आतंकवाद के विरोध और सीमा विवाद पर सकारात्मक संवाद को अहम बताया।
अमेरिका से टैरिफ वार छिड़ने के बाद भारत और चीन ने अपने संबंधों को नया विस्तार देना शुरू कर दिया है। इससे एशिया में अमेरिकी का रणनीति और कूटनीति को बड़ा झटका लगा है।
चीन ने भारत के प्रति रुख नरम करते हुए सीमा विवाद सुलझाने और आपसी सहयोग बढ़ाने की बात की है। इसकी वजह भारत की रणनीतिक ताकत, तेजी से बने सीमा इंफ्रास्ट्रक्चर और पूर्वी लद्दाख में न्योमा एयरफील्ड जैसे प्रोजेक्ट हैं। चीन अब भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपनी भारत यात्रा के दौरान मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। वांग यी ने SCO सम्मेलन के लिए पीएम मोदी को निमंत्रण सौंपा है।
भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास में आयोजित समारोह में 2 चीनी उप-मंत्रियों की भागीदारी ने भारत-चीन संबंधों में नई गर्मजोशी का संकेत दिया। यह आयोजन पूर्वी लद्दाख गतिरोध और कोविड के बाद पहली बार हुआ, जिससे आपसी रिश्तों में स्थिरता और सहयोग की उम्मीद बढ़ी।
भारत और चीन के बीच 5 साल बाद सीधी उड़ानें फिर से शुरू हो सकती हैं। चीन ने कहा है कि वह भारत के साथ हवाई संपर्क बहाल करने पर काम कर रहा है। यह पहल दोनों देशों के रिश्तों में सुधार, व्यापार, पर्यटन और आपसी सहयोग को नया मोड़ दे सकती है।
भारत और चीन के बीच सीमा पार व्यापार में मसाले, कालीन, लकड़ी के फर्नीचर, औषधीय पौधे, मिट्टी के बर्तन, पशु चारा, ऊन और इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसी स्थानीय चीजों का लेन-देन होता था।
चीन के साथ भारत के संबंधों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि तनावपूर्ण रिश्ते किसी भी पक्ष के लिए फायदेमंद नहीं हैं।
भारत और चीन के बीच रिश्तों में सुधार का दौर जारी है। जून 2020 में गलवान घाटी हिंसा के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में चल रहा तनाव अब दूर होने लगा है। साथ ही दोनों देशों के संबंधों में मजबूती का दौर शुरू हो गया है।
जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प टैरिफ कम करने के मामले में भारत को किनारे पर धकेल रहे हैं और निर्धारित शर्तों, खासकर टैरिफ पर सहमत होने के लिए मजबूर कर रहे हैं तो भारत और चीन के लिए यह एक उपयुक्त समय है।
भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे को लेकर बीजिंग में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक में भारत के NSA अजित डोवाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हिस्सा लिया।
दो दिन पहले रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी और दोनों नेताओं ने 62 साल पुराने सीमा विवाद के हल के लिए अपने अपने देश के विशेष प्रतिनिधियों को जल्द मुलाक़ात करके बातचीत करने को कहा था।
तवांग में जारी टेंशन के बीच एलएसी पर भारतीय सेना और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। ड्रैगन को तवांग से खदेड़ने के बाद आज से ईस्टर्न सेक्टर में वायुसेना ने बड़ी एक्सरसाइज़ शुरू कर दी है। युद्धाभ्यास में वायुसेना के सभी घातक लड़ाकू विमान शामिल हैं।
एक टीवी शो के दौरान पैनलिस्ट ने कहा कि चीन चाहता था कि वो भारतीय पोस्ट उखाड़ दे लेकिन भारतीयों इसे नाकाम कर दिया। उन्होंने बहुत ही जबर्दस्त तरीके से चीनी फौज को रोका, पत्थरबाजी भी हुई जिसमें भारतीय और चीनी समेत कई लोग जख्मी हुए और फिर भारतीय फौज ने चीन को भगा दिया।
भारत चीन की सेनाओं के बीच एक बड़ी ख़बर सामने आयी है। इंडिया TV को मिली जानकारी के मुताबिक़ दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग पॉइंट गोगरा और हॉटस्प्रिंग से अपने-अपने सैनिकों को पीछे करेंगी।
India China: ग्लोबल टाइम्स ने भारत पर 1993 और 1996 के समझौतों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उसने चीनी विश्लेषक के हवाले से लिखा है, '17 जुलाई को भारत और चीन के बीच 16वीं कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी, तब स्थिरता और शांति बनाए रखने पर सहमति बनी थी।
India China: भारत और चीन के बीच आज 16वें दौर की बैठक शुरू हुई। यह बातचीत लद्दाख में हो रही है। कमांडर स्तर की इस बातचीत में भारत डेपसांग और डेमचोक के मुद्दों के समाधान के अलावा सभी फ्रिक्शन पॉइंट्स पर जल्द सैनिकों को हटाने के लिए चीन पर दबाव डालेगा।
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