भारतीय सेना ने जानकारी दी कि नॉर्थ सिक्किम में नाकु-ला बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच मामूली झड़प हुई है और इसे लोकल लेवल कमांडरों द्वारा बातचीत करके सुलझा दिया गया।
India China Tension: उन्होंने कहा कि हम चर्चा और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से अपने विवादों का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए।
आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवणे ने कहा कि पिछला साल हमारे देश और सशस्त्र बलों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था। सशस्त्र बल बड़ी कुशलता से उत्तरी सीमाओं पर बहादुरी से हर हालात में डटे रहे औऱ इन हालातों में महामारी का भी सफलतापूर्वक मुकाबला किया।
एलएसी पर पिछले साल से भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी है। यह 28 अगस्त, 2020 और 29 अगस्त, 2020 को एहतियाती तैनाती में भारतीय सैनिकों, पूर्व-विस्तारित चीनी विस्तारवादी डिजाइनों को रोक कर पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे पर ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था।
आर्टिकल में लिखा है कि पैंगोंग झील इलाके में भारत की विशाल मिलिट्री को देखा जा सकता है। बता दें कि पैंगोंग झील के बीच से LAC गुजरती है, इस झील का एक बड़ा हिस्सा चीन के कब्जे वाले लद्दाख में हैं।
गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीन के नापाक इरादों को नाकाम करने के बाद भारतीय सेना (Indian Army) LAC और आसपास के क्षेत्र में लगातार बढ़त बनाती जा रही है।
India China News: Tawang sector में LAC पर बनी फॉरवर्ड पोस्टों से चीन की सेना की मौजदूगी देखी जा सकती है। यहां पिछले कुछ सालों में कम समय में forward पोस्टों पर पहुंचने के लिए तेजी से बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है।
India China Border News: चीन के राष्ट्रपति ने चीन की सेना में चार बदलाव किए हैं। जिनमें Western Theatre Command में किया गया बदलाव सबसे बड़ा बदलाव बताया जा रहा है। अब Gen. Zhang को भारत से लगती सीमा की जिम्मेदारी दी गई है।
जब CDS बिपिन रावत से पाकिस्तान की तरफ से लगातार किए जा रहे सीजफायर उल्लंघन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष को अधिक चिंतित होना चाहिए। हम पूरी तरह से तैयार हैं।
सूत्रों ने बताया कि पहले अचानक युद्ध की हालातों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को 10 दिन का गोला-बारुद और हथियार स्टॉक करने की इजाजत थी, जो अब दोनों मोर्चों चीन और पाकिस्तान को देखते हुए 15 दिन कर दी गई है।
अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने लद्दाख में भारतीय सीमा के पास चीन की जारी निर्माण गतिविधियों संबंधी खबरों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि ये खबरें सही हैं, तो यह चीन की ओर से ‘‘उकसाने वाला कदम’’ है और यह दक्षिण चीन सागर में जारी बीजिंग की गतिविधियों जैसा ही है।
शी के बयान ऐसे समय में आये हैं जब छह महीने से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति है।
लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में सर्दियों के दिनों में 40 फीट तक बर्फबारी होती है। यहां तापमान शून्य से 40 डिग्री नीच तक चला जाता है और इस दौरान कई इलाकों का संपर्क सड़क भी कट जाता है। भारतीय फौज ने यहां रुकने के लिए पहले से बनाए गए स्मार्ट कैंपों के अलावा भी रहने के लिए नई व्यवस्था का निर्माण किया है।
India China News: भारतीय पक्ष इस मुद्दे पर बहुत सावधानी से आगे बढ़ रहा है क्योंकि इस साल जून में गलवान घाटी में संघर्ष के बाद चीन की बातों और दावों पर विश्वास लगभग समाप्त हो गया है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सीडीएस रावत ने कहा कि चीन की पीएलए लद्दाख में अपने दुस्साहस को लेकर भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अप्रत्याशित परिणाम का सामना कर रही है।
भारतीय सेना ने LAC पर दो अतिरिक्त डिवीजनों को तैनात किया है, इनमें से एक मैदानों से और एक पर्वतीय इलाके से है। पर्वतीय इलाकों वाली डिवीजन, कई वर्षों से उच्च-ऊंचाई वाले इलाकों में ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षण ले रही है।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा, "रविवार को ट्विटर पर कुछ posts में दावा किया गया था कि चीनी सेना ने तिब्बत के दक्षिण में 20 भारतीय सैनिकों का अपहरण कर लिया है लेकिन मामले से जुड़े सूत्रों ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि यह फर्जी खबर है।"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विजयदश्मी के दिन शस्त्रपूजा भी करते हैं, इसबार वो सीमा के नजदीक सुरक्षाबलों की किसी यूनिट में 'शस्त्रपूजा' करेंगे। अपने इस दौरे पर राजनाथ सिंह बीआरओ द्वारा बनाए जा रहे कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन भी करेंगे।
सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि डेमचोक में जब चीन के सैनिक को भारतीय सेना ने पकड़ा, उस वक्त उसके पास एक स्लीपिंग बैग, एक खाली डेटा स्टोरेज डिवाइस, एक मोबाइल फोन और मिलिट्री आईडी कार्ड थे।
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा हिंदू परंपरा के अनुसार सिक्किम में चीन की सीमा के पास तैनात स्थानीय इकाइयों में से एक में "शस्त्र पूजा" करने की भी संभावना है।
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा यह रुख नहीं है कि हमें सीमा के सवाल का हल निकालना चाहिए। हम समझते हैं कि यह बहुत जटिल और कठिन विषय है। विभिन्न स्तरों पर कई बातचीत हुई हैं। किसी संबंध के लिए यह बहुत उच्च लकीर है।’’
रेड्डी ने बताया, "लद्दाख की शांत भूमि पर पहुंचने के बाद लेह से नुब्रा के रास्ते पर मुझे सड़क निर्माण में जुटे Border Road Organisation के वर्कर्स से बातचीत करने का मौका मिला। ये लगातार 18,600 फीट की ऊंचाई पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं।"
पाल की ये टीम Humla जिले के Namkha में बॉर्डर पिलर्स को मॉनिटर करने के लिए गई थी। जिसपर चीन के सुरक्षाकर्मियों ने हमला कर दिया। इस बात की जानकारी Namkha ग्राम पंचायत के उपाध्यक्ष है।
वायुसेना ने प्रेस रिलीज के जरिए बताया कि ऑक्सीजन की कमी के साथ-साथ हवा की कम डेनसिटी और दुर्गम दुर्गम पहाड़ी इलाके में इतनी ऊंचाई पर उतरना बेहद चुनौतीपूर्ण है।
इस समय भारतीय जवान भारतीय स्माल आर्म्स सिस्टम (इंसास) 5.56x45mm राइफलों का इस्तेमाल करते हैं। नई Sig Sauer assault rifles इन राइफलों की जगह लेंगे।
आर्टिकल में कहा गया है कि शांति के समय में ये टनल भारतीय सेना के लिए बहुत मददगार होगी लेकर युद्ध के दौरान इसका कोई फायदा नहीं मिल सकेगा।
लद्दाख और अरुणाचल पर आए दिन दावा करने वाले चीन को इस बार अमेरिका से बड़ा झटका मिला है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और चीन मौजूदा सीमा विवाद हल कर लेंगे। साथ ही उन्होंने एक बार फिर दोनों एशियाई देशों की मदद की पेशकश की।
लद्दाख में सीमा पर तनाव कम करने को लेकर भारत और चीन के बीच हुई कमांडर स्तर की छठे दौर की बात में तय हुआ है कि दोनों देश सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों का जमावड़ा नहीं करेंगे। मंगलवार को भारतीय सेना की तरफ से जारी किए गए बयान में यह जानकारी दी गई है। सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच 21 सितंबर को हुई कमांडर स्तर की बातचीत में तय हुआ है कि दोनों तरफ से सीमा पर और सैनिक भेजना रोका जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत-चीन के बीच एलएसी पर जारी विवाद को लेकर राज्यसभा में बोल रहे हैं।
गृह मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के दिए गए लिखित जवाब में यह जानकारी दी गई है। प्रश्न में गृह मंत्रालय से भारत-चीन तथा भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर घुसपैठ की जानकारी मांगी गई थी
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