Repo rate cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट में 0.25% की कटौती का ऐलान किया। इस फैसले के साथ रेपो रेट 5.5% से घटकर 5.25% पर आ गया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि तीन दिनों तक चली बैठक में विकसित हो रही आर्थिक परिस्थितियों, घटती महंगाई और मजबूत जीडीपी ग्रोथ का गहन अध्ययन करने के बाद यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया।
अब कितना सस्ता होगा आपका EMI लोन?
रेपो रेट में कटौती का सीधा फायदा होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI पर पड़ता है। बैंक आमतौर पर रेपो रेट से अपने लोन की ब्याज दरें तय करते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति ने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लिया है और पहले उसे 9% ब्याज देना पड़ रहा था, तो उसकी EMI 26,964 रुपये बनती थी। अब 0.25% ब्याज घटकर 8.75% होने पर EMI घटकर 26,611 रुपये हो जाएगी। यानी हर महीने 353 रुपये की सीधी बचत मिलेगी। पूरे साल में यह बचत 4236 रुपये, जबकि 20 साल की अवधि में 84,000 रुपये रुपये तक की राहत दे सकती है।
| लोन अमाउंट | पीरियड | 9% ब्याज दर पर ईएमआई | रेपो रेट कम होने के बाद EMI |
| 30,00,000 | 20 साल | 26,964 | 26,611 |
महंगाई में गिरावट और GDP ग्रोथ बनी आधार
RBI के अनुसार, वर्तमान आर्थिक स्थितियां काफी मजबूत हैं। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 8.2% दर्ज की गई है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है। वहीं, खुदरा महंगाई अक्टूबर 2025 में 0.25% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई, जिससे RBI को रेट कट करने का पर्याप्त स्पेस मिला। गवर्नर ने कहा कि देश में मांग तेजी से बढ़ रही है और महंगाई लगातार नीचे जा रही है, ऐसे में ब्याज दरों को कम करना लोगों की जेब को राहत देगा और अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ाएगा।
क्या है आगे का संकेत?
RBI ने नीति रुख (स्टांस) को 'न्यूट्रल' बनाए रखने का फैसला किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि आने वाले महीनों में ब्याज दरें स्थिर रह सकती हैं। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार यदि महंगाई इसी तरह नीचे बनी रहती है तो आगे और भी कटौती की संभावना खुली रह सकती है।



































