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Hindi News पैसा बिज़नेस किसानों के हितों को प्राथमिकता दे रही सरकार, उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध: पीयूष गोयल

किसानों के हितों को प्राथमिकता दे रही सरकार, उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध: पीयूष गोयल

उन्होंने बताया कि 2020-21 में देशभर में 43.46 लाख किसानों को गेहूं के एमएसपी के तौर पर 75,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि धान के एमएसपी के तौर पर 1.54 करोड़ किसानों को 1.72 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया

<p>किसानों को फसल का...- India TV Paisa Image Source : PTI किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध

नई दिल्ली| केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि सरकार किसानों और गरीबों के हितों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब व लाभकारी दाम दिलाने के साथ-साथ देश के गरीबों को सस्ता अनाज मुहैया करवाने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है और इसी मकसद से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को और मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है। रेलमंत्री पीयूष गोयल केंद्र सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी पहले से ही संभाल रहे थे, लेकिन पिछले साल अक्टूबर से उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का दायित्व भी संभाल रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, "किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी दाम दिलाने के मकसद से सरकार फसलों की लागत पर 50 फीसदी मुनाफा के साथ एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तय करती है। कई फसलों के एमएसपी में इससे भी ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है।" उन्होंने आगे कहा कि एमएसपी पर किसानों से फसलों की खरीद में भी लगातार वृद्धि हो रही है। एमएसपी पर किसानों से खरीदे गए गेहूं और धान के आंकड़ों का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीते सात साल में किसानों को 2020-21 के दौरान सबसे ज्यादा एमएसपी के तौर पर भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि 2020-21 में देशभर में 43.46 लाख किसानों को गेहूं के एमएसपी के तौर पर 75,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि धान के एमएसपी के तौर पर 1.54 करोड़ किसानों को 1.72 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

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एफसीआई को लेकर पूछे गए सवाल पर पीयूष गोयल ने कहा कि भंडारण क्षमता बढ़ाने से लेकर परिवहन व्यवस्था मजबूत करने तक विभिन्न स्तर पर पारदर्शिता लाकर और उत्तरदायित्व तय करके एजेंसी को अधिक सक्षम व मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में डिजिटलीकरण व आधुनिकरण होने से अनाज की खरीद से लेकर लाभार्थियों के बीच वितरण की व्यवस्था में पारदर्शिता आई है।

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