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Hindi News पैसा बिज़नेस 1998-99 के बाद पहली बार घटी पेट्रोल-डीजल की मांग, Covid-19 से ईंधन मांग में आ रहे सुधार पर पड़ सकता है बुरा असर

1998-99 के बाद पहली बार घटी पेट्रोल-डीजल की मांग, Covid-19 से ईंधन मांग में आ रहे सुधार पर पड़ सकता है बुरा असर

Covid-19 surge may upend demand recovery- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO Covid-19 surge may upend demand recovery

नई दिल्‍ली। देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और इसकी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लगाई जा रही पाबंदियों से ईंधन मांग में जो वृद्धि होने लगी थी वह एक बार फिर धीमी पड़ने का जोखिम दिखने लगा है। रोकथाम के लिए देश भर में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन जैसे कड़े उपायों से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली और राजस्थान ने सीमित अवधि के लिए लॉकडाउन लगाया है। इससे यात्रा और व्यापार गतिविधियां प्रभावित होंगी।

अन्य राज्य अलग-अलग समय और विभिन्न अवधि के लिए कर्फ्यू लगा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की एक तेल विपणन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार की पाबंदियों से आवाजाही पर असर पड़ेगा। फलत: ईंधन खपत प्रभावित होगी।

अप्रैल में आई मांग में कमी

डीजल, पेट्रोल, विमान ईंधन और एलपीजी मांग में अप्रैल के पहले पखवाड़े में पिछले माह की इसी अवधि के मुकाबले कमी आई है। अब ज्यादा राज्यों में पाबंदियों के साथ दूसरे पखवाड़े में मांग पर और असर पड़ने की आशंका है। अधिकारी के अनुसार देश में सर्वाधिक उपयोग होने वाला ईंधन डीजल है और इसकी खपत पिछले माह के मुकाबले 3 प्रतिशत घटी है, जबकि पेट्रोल की बिक्री 5 प्रतिशत कम हुई है। पिछले साल कोविड संकट के दौरान भी एलपीजी की मांग बढ़ी थी। लेकिन इस बार मांग अप्रैल के पहले पखवाड़े में 6.4 प्रतिशत कम होकर 10.3 लाख टन रही। विमान ईंधन की मांग भी इस दौरान 8 प्रतिशत कम हुई है।

सीएनजी बिक्री भी घटी

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हम इस महीने सीएनजी बिक्री में 20 से 25 प्रतिशत की गिरावट देख रहे हैं। नए वाहन बाजार सृजित करते हैं और लॉकडाउन के कारण सभी नए वाहनों की बिक्री लगभग रुक जाएगी। अधिकारियों के अनुसार इन सबका असर ईंधन खपत के रूप में दिखता है। इसमें 2020-21 के बाद के महीनों में सुधार हुआ था लेकिन अब फिर मांग कम होने लगी है।

20 साल में पहली बार घटी ईंधन की मांग

देश में ईंधन की मांग वित्त वर्ष 2020-21 में 9.1 प्रतिशत घटी थी। दो दशक से भी अधिक समय में यह पहली बार हुआ, जब ईंधन की मांग कम हुई। इसका कारण महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों का ठप होना था। पेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-मार्च) में ईंधन खपत में करीब 10 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। हालांकि यह अनुमान कोविड संक्रमण के फैलने से पहले लगाया गया था। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के अनुसार भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 2020-21 में 19.463 करोड़ टन रही, जबकि एक साल पहले मांग 21.12 करोड़ टन थी। 1998-99 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी साल में ईंधन की खपत कम हुई है।

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