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Hindi News पैसा बिज़नेस ज्‍वैलर्स ने हॉलमार्किंग व्‍यवस्‍था कई चरणों में लागू करने के फैसले का किया स्‍वागत, छोटे जौहरियों को होगा फायदा

ज्‍वैलर्स ने हॉलमार्किंग व्‍यवस्‍था कई चरणों में लागू करने के फैसले का किया स्‍वागत, छोटे जौहरियों को होगा फायदा

जीजेसी ने सभी आभूषण विक्रेताओं से खुद को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ पंजीकृत कराने का आग्रह किया है।

Jewellers welcome govt decision to implement hallmarking in phases- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO Jewellers welcome govt decision to implement hallmarking in phases

नई दिल्‍ली। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (GJC) ने गुरुवार को कहा कि सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग को चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य करने का सरकार का फैसला छोटे जौहरियों और जॉब कार्य करने वालों के हित में है। केंद्र ने मंगलवार को कहा कि सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग 16 जून से चरणबद्ध तरीके से लागू होगी और शुरुआत में इसे देश के 256 जिलों में लागू किया जाएगा। जीजेसी ने सभी आभूषण विक्रेताओं से खुद को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ पंजीकृत कराने का आग्रह किया है।

सरकार ने बिना किसी शुल्क या नवीनीकरण के एकमुश्त पंजीकरण, कोई दंड या तलाशी और जब्ती के बिना, ज्वैलर्स के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई के बगैर तथा कुंदन, जड़ाऊ, पोल्की आभूषणों को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट देना जैसी प्रमुख चिंताओं में राहत दिए जाने का आश्वासन दिया है। जीजेसी ने कहा कि सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि 31 अगस्त, 2021 तक आभूषण उद्योग के नई व्यवस्था में समायोजित होने तक किसी भी जौहरी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

जीजेसी के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा कि हम उद्योग और हॉलमार्किंग विशेषज्ञ समिति द्वारा उठाए गए अधिकांश मुद्दों को हल करने के लिए सरकार को धन्यवाद देते हैं। अनिवार्य हॉलमार्किंग के कार्यान्वयन के दौरान छोटे ज्वैलर्स और जॉब वर्कर्स के हितों को ध्यान में रखा गया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2019 में स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों पर 15 जनवरी, 2021 से हॉलमार्किंग अनिवार्य किये जाने की घोषणा की थी। लेकिन बाद में समयसीमा चार महीने के लिए एक जून तक बढ़ा दी गई। पुन: जौहरियों की महामारी के कारण समयसीमा आगे बढ़ाए जाने के अनुरोध के बाद इसे 15 जून कर दिया गया।

40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले आभूषण निर्माताओं को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी जाएगी। इस व्यवस्था से उन इकाइयों को भी छूट दी गई है, जो सरकार की व्यापार नीति के तहत आभूषण का निर्यात और पुन:आयात करते हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी के साथ-साथ सरकार की मंजूरी वाले बी2बी (व्यापारियों के बीच) घरेलू प्रदर्शनी के लिए भी इससे छूट होगी। सरकार ने कहा कि उसने घड़ियों, फाउंटेन पेन में इस्तेमाल सोने और कुंदन, पोल्की तथा जड़ाऊ आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी है। जौहरी उपभोक्ताओं से बिना हॉलमार्क वाले सोना खरीदना जारी रख सकते हैं। पुराने आभूषणों को पिघलाने और नए आभूषण बनाने के बाद जौहरी द्वारा व्यावहारिक होने पर हॉलमार्क किया जा सकता है।

 

 

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