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Hindi News पैसा बिज़नेस ‘स्पेशियल्टी स्टील’ के लिए पीएलआई योजना पासा पलटने वाली साबित होगी : इस्पात राज्यमंत्री

‘स्पेशियल्टी स्टील’ के लिए पीएलआई योजना पासा पलटने वाली साबित होगी : इस्पात राज्यमंत्री

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 जुलाई को देश में स्पेशियल्टी स्टील का उत्पादन बढ़ाने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी है। इससे निवेश और रोजगार बढ़ने की उम्मीद है।

<p>स्पेशियल्टी स्टील की...- India TV Paisa Image Source : FILE स्पेशियल्टी स्टील की पीएलआई योजना गेमचेंजर- सरकार

नई दिल्ली। केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का मानना है कि देश में स्पेशियल्टी स्टील (विशेष प्रकार के इस्पात) के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना उद्योग की दृष्टि से ‘पासा पलटने’ वाली साबित होगी। कुलस्ते ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस कदम से मूल्यवर्धित इस्पात का उत्पादन बढ़ेगा और क्षेत्र में नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी का प्रयोग हो सकेगा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 जुलाई को देश में स्पेशियल्टी स्टील का उत्पादन बढ़ाने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि इससे क्षेत्र में नया निवेश आ सकेगा और साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इस योजना के तहत क्षेत्र में करीब 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य है। इसके अलावा इसके जरिये 2.5 करोड़ टन की अतिरिक्त क्षमता जोड़ने और 5.25 लाख रोजगार के अवसरों के सृजन का भी लक्ष्य है। घरेलू इस्पात क्षेत्र के समक्ष आ रहे मुद्दों के बारे में कुलस्ते ने कहा, ‘‘चुनौती देश के इस्पात क्षेत्र को अधिक दक्ष और प्रतिस्पर्धी बनाने की है। इससे क्षेत्र गुणवत्ता वाले मूल्यवर्धित इस्पात के उत्पादन में सक्षम हो सकेगा।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रतिस्पर्धी मूल्य पर कच्चे माल की उपलब्धता पर भी ध्यान देने की जरूरत है। 

इन चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए कदमों के बारे में पूछे जाने पर इस्पात राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार पहले ही कई कदम उठा चुकी है। कुलस्ते ने कहा कि विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए एक गतिशील घरेलू इस्पात उद्योग जरूरी है। निर्माण, बुनियादी ढांचा, पूंजीगत सामान, रक्षा और रेल सभी के लिए इस्पात एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना से मूल्यवर्धित इस्पात का घरेलू उत्पादन बढ़ेगा और क्षेत्र में नई प्रौद्योगिक आएगी। सरकार ने 2017 में राष्ट्रीय इस्पात नीति (एनएसपी) को मंजूरी दी थी। एनएसपी-2017 के तहत भारत का सालाना इस्पात उत्पादन की क्षमता को 30 करोड़ टन तथा प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत को बढ़ाकर 160 किलोग्राम पर पहुंचाने का लक्ष्य है। 

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