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Hindi News पैसा बिज़नेस आय में गिरावट के बाद दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों ने दरें बढ़ाने की मांग

आय में गिरावट के बाद दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों ने दरें बढ़ाने की मांग

कंपनियों ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक उनके राजस्व की कुल कमी बढ़कर 50 हजार करोड़ रुपये के पार चली गयी। इसमें बीआरपीएल के 28,623 करोड़ रुपये, बीवाईपीएल के 19,213 करोड़ रुपये और टीपीडीडीएल के 3,810 करोड़ रुपये शामिल हैं।

<p>दिल्ली  में बिजली...- India TV Paisa Image Source : PTI दिल्ली  में बिजली कंपनियों की दरें बढ़ाने की मांग

नई दिल्ली। दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों ने नियामक डीईआरसी से लागत के आधार पर उचित दरों का ढांचा रखने की मांग की है जिससे उनके स्टैंडअनोल घाटे को कम किया जा सके। कंपनियों के मुताबिक उनके राजस्व में कुल कमी 2019-20 में करीब 3000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गयी थी। दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों बीआरपीएल, बीवाईपीएल, और टीपीडीडीएल ने इस वर्ष दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के द्वारा दरों में सुधार से पहले अलग-अलग याचिका दायर कर 2019-20 की कमी और 2021-22 के लिए दरों और सकल राजस्व की आवश्यकता (एआआर) का आकलन किए जाने की मांग की है। आयोग ने उपभोक्ताओं व अन्य संबंधित पक्षों को 26 मार्च तक अपना-अपना पक्ष रखने को कहा है। तीनों बिजली वितरण कंपनियों की याचिका के अनुसार, 2019-20 में उनका स्टैंडअलोन आय  करीब तीन हजार करोड़ रुपये कम रहा। इसमें से बीआरपीएल का राजस्व 1565 करोड़ रुपये, बीवाईपीएल का 609 करोड़ रुपये और टीपीडीडीएल का 794 करोड़ रुपये कम रहा।

कंपनियों ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक उनके राजस्व की कुल कमी बढ़कर 50 हजार करोड़ रुपये के पार चली गयी। इसमें बीआरपीएल के 28,623 करोड़ रुपये, बीवाईपीएल के 19,213 करोड़ रुपये और टीपीडीडीएल के 3,810 करोड़ रुपये शामिल हैं। बीएसईएस की बिजली वितरण कंपनियों बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) ने अनुमानित राजस्व अंतर को ठीक करने के लिए डीईआरसी को एक उपयुक्त दरें निर्धारित करने का प्रस्ताव दिया है। दोनों डिस्कॉम ने दिल्ली सरकार की सब्सिडी को सीधे डीबीटी के माध्यम से उपभोक्ताओं को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव दिया है। टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) ने घरेलू श्रेणी में उच्च बिजली की खपत के लिये एक अलग दर का प्रस्ताव दिया है। कंपनियों ने नये कनेक्शन और मौजूदा ग्राहकों के लिये आधार और पैन कार्ड को अनिवार्य बनाने का भी प्रस्ताव किया है।

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