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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, प्रधानमंत्री स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा निधि के गठन को मिली मंजूरी

वित्त मंत्री ने आयुष्मान भारत योजना की घोषणा करते हुए मौजूदा 3 प्रतिशत शिक्षा उपकर के स्थान पर 4 प्रतिशत स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर लगाने की घोषणा की थी।

Prime Minister, Shri Narendra Modi - India TV Paisa Image Source : PIB Prime Minister, Shri Narendra Modi has approved the Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Nidhi (PMSSN) as a single non-lapsable reserve fund

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वित्त अधिनियम 2007 के सेक्सन 136 बी के तहत लिए जाने वाले स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर से प्राप्त होने वाली राशि से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक सिंगल नॉन लैप्सेबल रिजर्व फंड  के रूप में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि (PMSSN) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

स्वास्थ्य में निवेश से लाखो नौकरियां सृजित होती हैं, खासतौर से महिलाओं के लिए, क्योंकि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जरूरत बढ़ने से उनके लिए नौकरियां बढ़ती हैं।2018 के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने आयुष्मान भारत योजना की घोषणा करते हुए मौजूदा 3 प्रतिशत शिक्षा उपकर के स्थान पर 4 प्रतिशत स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर लगाने की घोषणा की थी।

PMSSN की मुख्य बातें

  • सार्वजनिक खाते में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक सिंगल नॉन लैप्सेबल रिजर्व फंड
  • स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर से प्राप्त राशि में से स्वास्थ्य का अंश पीएमएसएसएन में भेजा जाएगा।
  • पीएमएसएसएन में भेजी गई इस राशि का इस्तेमाल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की इन महत्वपूर्ण योजनाओं में किया जाएगा:-
  • आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई)
  • आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी)
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
  • प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई)
  • स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों में आपातकाल एवं आकस्मिक विपत्ति काल में तैयारी एवं प्रतिक्रिया
  • कोई भी अन्य भावी कार्यक्रम/योजना जिसका लक्ष्य एसडीजी की दिशा में प्रगति हासिल करना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के तहत तय लक्ष्यों को प्राप्त करना हो
  •  पीएमएसएसएन को लागू करने और उसकी रखरखाव की जिम्मेदारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की होगी। 
  • किसी भी वित्तीय वर्ष में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की उक्त योजनाओं का व्यय प्रारंभिक तौर पर पीएमएसएसएन से लिया जाएगा और बाद में सकल बजट सहायता (ग्रॉस बजटरी स्पोर्ट) से लिया जाएगा।

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लाभ

इसके मुख्य लाभ यह होंगे कि तय संसाधनों की उपलब्धता के जरिए सार्वभौमिक और वहनीय स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच मुहैया कराई जा सकेगी और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी वित्तीय वर्ष के अंत में इसके लिए तय राशि समाप्त (लैप्स) नहीं होगी।

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