अमेरिका घूमने का सपना देखने वालों के लिए बड़ी चेतावनी सामने आई है। अगर कोई भारतीय पर्यटक अमेरिका सिर्फ इसलिए जा रहा है कि वह वहां बच्चे को जन्म दिलाकर उसे अमेरिकी नागरिकता दिला सके, तो सावधान हो जाएं। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि ऐसे इरादे के साथ आने वालों को टूरिस्ट वीजा बिल्कुल नहीं दिया जाएगा। यह नियम अमेरिका की इमिग्रेशन पॉलिसी में एक बड़े बदलाव का हिस्सा है, जिसने दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी दूतावास ने भारत में एक पोस्ट के जरिए याद दिलाया कि यदि वीजा अधिकारी को लगता है कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य अमेरिका में बच्चे को जन्म देना और जन्मसिद्ध नागरिकता पाना है, तो उसका वीजा तुरंत खारिज कर दिया जाएगा। यह नियम नया नहीं है, लेकिन इसे अब और सख्ती से लागू किया जा रहा है।
ट्रंप सरकार का बड़ा निर्णय
अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता लंबे समय से बहस का विषय रही है। बीते 20 जनवरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए थे, जिसमें कहा गया कि सिर्फ अमेरिका में जन्म लेने भर से किसी बच्चे को अमेरिका की नागरिकता नहीं मिलनी चाहिए, खासकर तब जब उसके माता-पिता अमेरिका में गैरकानूनी या अस्थायी रूप से हों। अब यह मुद्दा सीधे अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने इस आदेश की संवैधानिकता की समीक्षा करने का फैसला किया है। यदि सुप्रीम कोर्ट ट्रंप के पक्ष में फैसला देता है, तो यह 125 साल पुराने कानून को बदल देगा।
क्यों कड़ा रुख अपना रहा है अमेरिका?
ट्रंप के अनुसार, अमेरिका जन्मसिद्ध नागरिकता के जरिए आने वाले लाखों लोगों का बोझ उठाने की स्थिति में नहीं है। उनका कहना है कि यह संवैधानिक बदलाव मूल रूप से गृहयुद्ध के समय अफ्रीकी-अमेरिकी दासों के अधिकारों के संरक्षण के लिए किया गया था, लेकिन अब इसका दुरुपयोग हो रहा है।
क्या पहले से जन्मे बच्चों की नागरिकता भी छिनेगी?
इस सवाल पर ट्रंप ने अब तक साफ जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने अभी कोई विचार नहीं किया है, जिससे भविष्य को लेकर और भी ज्यादा अनिश्चितता बढ़ गई है।
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