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Hindi News पैसा फायदे की खबर जरूरत पड़ने पर आप भी ले सकते हैं सरकार से नॉन-रिफंडेबल एडवांस, Covid-19 संकट की वजह से शुरू की गई है ये योजना

जरूरत पड़ने पर आप भी ले सकते हैं सरकार से नॉन-रिफंडेबल एडवांस, Covid-19 संकट की वजह से शुरू की गई है ये योजना

ईपीएफओ (EPFO) सदस्य तीन माह का बेसिक वेतन (बेसिक वेतन और महंगाई भत्ता) या अपने कर्मचारी प्रोविडेंट फंड (EPF) खाते में जमा कुल राशि का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो उसे निकाल सकता है।

EPFO COVID-19 non-refundable advance facility- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO EPFO COVID-19 non-refundable advance facility

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस महामारी के दौरान कर्मचारी वर्ग की मदद के लिए सरकार ने कोविड-19 नॉन-रिफंडेबल एडवांस सुविधा की शुरुआत की है। इस सुविधा के तहत ईपीएफओ (EPFO) सदस्‍य तीन माह का बेसिक वेतन (बेसिक वेतन और महंगाई भत्‍ता) या अपने कर्मचारी प्रोविडेंट फंड (EPF) खाते में जमा कुल राशि का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो उसे निकाल सकता है। देश में कोविड-19 महामारी से उत्‍पन्‍न गंभीर संकट में आकस्मिक जरूरत के लिए यह एडवांस उपलब्‍ध कराया जा रहा है, जिसे बाद में ईपीएफओ को लौटाने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार ने कर्मचारी भविष्‍य निधि योजना में संशोधन के बाद इस स्‍कीम को 27 मार्च, 2020 से प्रभावी बनाया है।   

श्रम मंत्री ने की कर्मचारियों की तारीफ

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कोविड-19 महामारी के दौरान अंशदाताओं के निपटान 24 घंटे के भीतर निपटाने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के दिल्ली-पश्चिम कार्यालय के कर्मचारियों की सोमवार को सराहना की। श्रम मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा कि कार्यालय के कर्मचारियों ने पिछले 175 दिनों में कोविड-19 संकट के दौरान मिले 3.25 लाख ईपीएफओ अंशदाताओं के 100 प्रतिशत दावों का निपटान 24 घंटे के भीतर किया। इसके तहत कर्मचारियों ने लगभग 750 करोड़ रुपए का वितरण किया। गंगवार ने इस काम के लिए उनकी सराहना की और उन्हें सम्मानित भी किया।

ईपीएफओ के नागरिक चार्टर में वर्णित 3 दिनों की समय-सीमा होते हुए भी अन्य प्रकार के दावों का भी 90 प्रतिशत निपटान 24 घंटों के भीतर किया गया। इसमें 18 अक्टूबर तक के आंकड़े शामिल करने के बाद कुल 3.37 लाख दावों के लिए 833 करोड़ रुपए के कोविड दावों का निपटान किया।

कर्मचारियों की मदद करना हैै लक्ष्‍य

ईपीएफओ ने 28 मार्च को कर्मचारियों को राष्ट्रव्यापी पाबंदी की वजह से पैदा हुई दिक्कतों के मद्देननजर ईपीएफओ से अग्रिम निकालने की अनुमति दी थी। श्रमिकों को यह राशि वापस जमा नहीं करानी होगी। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले कर्मचारी भविष्यि निधि संगठन (ईपीएफओ) ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत विशेष निकासी का प्रावधान किया है। इस प्रावधान के तहत सदस्य तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर या सदस्य के खाते में पड़ी राशि का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, निकाल सकते हैं। इस राशि को उन्हें वापस जमा कराने की जरूरत नहीं होगी। 

अबतक दिए 11,500 करोड़ रुपए 

ईपीएफओ के देशभर में 138 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक ईपीएफओ के सभी कार्यालयों में 15 अक्‍टूबर तक कुल 44 लाख कोविड दावों का निपटान किया गया है, जिसमें 11,500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की गई है।

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