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बेटी के उज्जवल भविष्य के लिए सुकन्या समृद्धि योजना। जानिए क्या हैं नियम और शर्तें

बेटियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने में बेहद मददगार है सुकन्या समृद्धि

<p><span lang="EN-US" style="font-size: 12.0pt;...- India TV Paisa Image Source : SOCIAL MEDIA Sukanya samriddhi yojna

नई दिल्ली। बेटियों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत सुकन्या समृद्धि योजना को लॉन्च किया था। इस योजना के जरिए 10 साल तक की बेटियों के लिए कोई भी 15 साल तक पैसा निवेश कर सकता है और अपनी बेटी के भविष्य को बेहतर बना सकता है। लोग ज्यादा से ज्यादा बेटियों के बारे में सोचें इसके लिए कई जिलों में इस योजना को लेकर तीन दिनों का अभियान भी शुरू किया जा रहा है। लोगों को योजना की पूरी सही जानकारी मिले और वो अपने बेटियों को बोझ ना समझें बल्कि उनके भविष्य को उज्जवल बनाने की सोचें इसके लिए कई जिलों के डाकघरों अभियान शुरू कर रहे है। अगर आपके घर भी बेटियां हैं और आप करना चाहतें हैं उनका भविष्य सुरक्षित तो जानिए क्या होता है सुकन्या समृद्धि स्कीम और कैसे उठा सकते हैं आप इसका फायदा?

क्या होता है सुकन्या समृद्धि योजना?

·   बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई है सुकन्या समृद्धि योजना

·   सरकार ने बेटियों के जन्म से लेकर शादी तक के लिए आर्थिक सहायता देने के लिए शुरू की है स्कीम

·   दस साल तक की बच्ची के लिए खुलवा सकते हैं सुकन्या समृद्धि योजना में खाता

·   छोटी बचत स्कीम में सबसे ज्यदा ब्याज SSY में मिलता है

कैसे खुलावाएं खाता?

·   नियमों के तहत 10 साल की उम्र तक की बच्ची का ही खुलवा सकते हैं खाता

·   किसी भी डाकघर या बैंक के अधिकृत ब्रांच में जाकर जरुरी दस्तावेजों को जमा करने के साथ खुलवा सकते हैं खाता

·   साल में कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक कर सकते हैं निवेश

·   खाता खुलवाने के लिए योजना का फॉर्म, बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का पैन कार्ड, और मान्य पहचान पत्र लगता है

·   पैसा नकद, चेक, डिमांड ड्राफ्ट या फिर नेट बैंकिग के जरिए जमा किया जा सकता है

कैसे होता है फायदा?

·   सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के तहत 9.2 फीसदी तक का ब्याज मिलता है

     अप्रैल से जून 2020 तक ब्याज दर 7.6 फीसदी है।

·   योजना को बेटी के 21 साल होने या 18 साल के होने से उसकी शादी तक चलाया जा सकता है

·   बेटी के 18 साल के होने पर उच्च शिक्षा या शादी के लिए 50 फीसदी तक की रकम खाते से निकाली जा सकती है

·   खाता खोलने के दिन से 15 साल तक पैसा जमा कराया जा सकता है

·   अगर बेटी की उम्र 9 साल है और तब खाता खोला है तो उसके 24 साल की उम्र तक पैसा खाते में जमा किया जा सकता है

·   योजना के मैच्योर होने के बाद ब्याज के साथ सारा रकम मिल जाता है

·   नियमों के मुताबिक एक बच्ची के नाम पर एक ही खाता खुलवाया जा सकता है

·   जमा राशि पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत आयकर छूट भी मिलती है

·   पीपीएफ के मुकाबले SSY योजना में निवेश पर ब्याज ज्यादा मिलता है

·   अगर कोई भी व्यक्ति हर महीने 1000 रुपये जमा करता है तो उसे 14 साल तक हर साल 12 हजार रुपये जमा करना होगा। अगर 8.6 फीसदी के ब्याज के हिसाब से देखें तो जब बेटी की उम्र 21 साल की होगी तो 6,07,128 लाख रुपये मिलेंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि 14 साल में 1.68 लाख रुपये ही जमा करने पड़े लेकिन बाकी 4,39,128 रुपये ब्याज के तौर पर मिलेंगे।

·   ब्याज दरों मे सरकार समय-समय पर बदलाव करती रहती है

·   हर साल तय न्यूनतम रकम न जमा करने पर पैनल्टी लग सकता है

·   खाते को किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस से ट्रांसफर किया जा सकता है बशर्ते उस बैंक या पोस्ट ऑफिस में कोर बैंकिंग सिस्टम मौजूद होना चाहिए

·   खाता सिर्फ भारतीय नागरिक खोल सकते हैं। किसी और देश की बाद में नागरिक्ता लेने पर बेटी के नाम से खाता बंद हो जाता है

·   खाते के मैच्योर होने पर पासबुक और विड्रावल स्लिप देना अनिवार्य है ताकि ब्याज सहित रकम मिल सके

·   अगर किसी कारण खाता धारक की मौत हो जाती है तो खाते को डेथ सर्टिफिकेट जमा करने के बाद बंद कर दिया जाता है और अभिभावक को जमा राशि ब्याज के साथ वापस मिल जाता है

·   किसी गंभीर बीमारी के होने पर भी 5 साल बाद खाता बंद किया जा सकता है

कुछ नियम और शर्त:

·   खाता खोलने के दिन से 21 साल पूरे होने पर खाता मैच्योर हो जाता है लेकिन शर्त ये है कि अगर बेटी की शादी खाते के 21 साल पूरे होने से पहले हो जाती है तो खाते को वहीं बंद करना पड़ता है। उसके आगे संचालन की अनुमति नहीं मिलती है

·   पहले सिर्फ दो बेटियों का ही खुलवाया जा सकता था खाता लेकिन अब तीन खाते भी आप खोल सकते हैं। उसके लिए बर्थ सर्टिफिकेट से साथ हलफनामा देना पड़ेगा

·   अब बेटी के नाम पर तीसरा खाता दूसरे जन्म के रूप में जुड़वां बालिकाओं का जन्‍म होने या यदि पहले जन्म में ही तीन बालिकाओं का जन्‍म होने पर खोला जा सकता है

·   अगर खाते में सालाना 250 रुपये जमा नहीं किए जाते हैं तो इसे डिफॉल्ट खाता मान लिया जाएगा लेकिन योजना के तहत उस खाते में ब्याज दर मौजूदा जमा रकम पर जुड़ता रहेगा

·   बेटी के 18 वर्ष का होने तक SSY खाता संभालने की अनुमति नहीं दी जाएगी (पहले आयु सीमा 10 वर्ष थी)

·   सरकार की तरफ से 100 प्रतिशत सुरक्षा गारंटी मिलती है

·   मैच्योरिटी के बाद भी जमा राशि पर तब तक वही ब्याज रकम मिलता रहेगा जब तक खाता बंद न कर दिया जाए.

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