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Hindi News पैसा बिज़नेस Paytm को मिली देश का सबसे बड़ा 16600 करोड़ रुपये का IPO पेश करने की मंजूरी, LIC विनिवेश को CCEA की हरी झंडी

Paytm को मिली देश का सबसे बड़ा 16600 करोड़ रुपये का IPO पेश करने की मंजूरी, LIC विनिवेश को CCEA की हरी झंडी

आईपीओ के बाद Paytm का बाजार मूल्यांकन बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये से 2.2 लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।

Paytm shareholders approve country's biggest IPO of Rs 16,600 cr CCEA clears LIC disinvestment- India TV Paisa Image Source : INDIA TV Paytm shareholders approve country's biggest IPO of Rs 16,600 cr CCEA clears LIC disinvestment

नई दिल्ली। डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम को सोमवार को अपने शेयरधारकों से 16,600 करोड़ रुपये का देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम लाने की मंजूरी मिल गई है। शेयरधारकों ने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के दौरान 12,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है और द्वितीयक शेयरों की बिक्री के साथ कुल 16,600 करोड़ रुपये हासिल होंगे।

एक सूत्र ने कहा कि शेयरधारकों ने असाधारण आम सभा (ईडीएम) में सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। शेयरधारकों ने आईपीओ के दौरान पूंजी जुटाने और 12,000 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी करने की मंजूरी दे दी। द्वितीयक शेयरों की बिक्री के साथ कुल 16,600 करोड़ रुपये हासिल होंगे। शेयरधाकों ने यह प्रस्ताव भी पारित किया कि कि कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को कंपनी के प्रवर्तक के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी पर वह पेटीएम के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और मुख्य अधिशासी अधिकारी बने रहेंगे।

सूत्र के अनुसार आईपीओ के बाद कंपनी का बाजार मूल्यांकन बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये से 2.2 लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है। इसके बाद पेटीएम के देश की 10 शीर्ष सूचीबद्ध वित्तीय सेवाओं में शामिल होने की उम्मीद है। कंपनी इस हफ्ते आईपीओ के लिए दस्तावेज जमा कर सकती है। अब तक सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड कोल इंडिया के नाम था। उसने 2010 की अंतिम तिमाही में करीब 15,500 करोड़ रुपये जुटाये थे। पेटीएम में अलीबाबा के एंट ग्रुप की हिस्सेदारी 29.71 प्रतिशत, जापान के सॉफ्ट बैंक की 19.63 प्रतिशत, एसएआईएफ पार्टनर्स की 18.56 प्रतिशत और विजय शेखर शर्मा की 14.67 प्रतिशत है। 

एलआईसी के विनिवेश को सीसीईए की हरी झंडी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के विनिवेश को मंजूरी दे दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि वित्त मंत्री की अगुवाई वाली एक समिति एलआईसी में हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा तय करेगी। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकालने के लिए बीमांकिक कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया की नियुक्ति की थी। इसे भारतीय कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम कहा जा रहा है।

एलआईसी कानून में बजट संशोधनों को अधिसूचित कर दिया गया है और बीमांकिक कंपनी जीवन बीमा कंपनी के अंतर्निहित मूल्य को अंतिम देगी। अंतर्निहित मूल्य के तहत बीमा कंपनी के भविष्य के मुनाफे के मौजूदा मूल्य को उसके मौजूदा शुद्ध संपत्ति मूल्य में शामिल किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने पिछले सप्ताह एलआईसी के आईपीओ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। विनिवेश पर वैकल्पिक व्यवस्था द्वारा सरकार द्वारा हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा तय की जाएगी। अधिकारी ने बताया कि एलआईसी का आईपीओ चालू वित्त वर्ष के अंत तक आ सकता है।

एलआईसी आईपीओ के निर्गम आकार का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। प्रस्तावित आईपीओ के लिए सरकार पहले ही एलआईसी कानून में जरूरी विधायी संशोधन कर चुकी है। डेलॉयट और एसबीआई कैप्स को आईपीओ पूर्व सौदे का सलाहकार नियुक्त किया गया है। एलआईसी की सूचीबद्धता सरकार के चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस 1.75 लाख करोड़ रुपये में एक लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे। शेष 75,000 करोड़ रुपये केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के विनिवेश से आएंगे। 

मोबिक्विक ने 1,900 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए दस्तावेज जमा कराए

डिजिटल भुगतान स्टार्टअप वन मोबिक्विक सिस्टम्स ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 1,900 करोड़ रुपये जुटाने को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास शुरुआती दस्तावेज जमा कराए हैं। आईपीओ के तहत 1,500 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे और प्रवर्तक और मौजूदा शेयरधारक 400 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाएंगे।

कंपनी 400 करोड़ रुपये तक के आईपीओ पूर्व नियोजन पर भी विचार कर सकती है। यदि आईपीओ पूर्व नियोजन पूरा होता है, तो नए निर्गम से इतने ही इक्विटी शेयरों को घटा दिया जाएगा। वन मोबिक्विक सिस्टम्स देश की प्रमुख मोबाइल वॉलेट (मोबिक्विक वॉलेट) तथा बाय नाउ पे लेटर (बीएनपीएल) कंपनी है। कंपनी के शेयरों को बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध किया जाएगा।

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