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Hindi News पैसा बिज़नेस भारत के सामने खड़ा हो सकता है बड़ा जोखिम, तेल व कोयले की बढ़ती कीमतों से बिगड़ सकती है अर्थव्यवस्था की चाल

भारत के सामने खड़ा हो सकता है बड़ा जोखिम, तेल व कोयले की बढ़ती कीमतों से बिगड़ सकती है अर्थव्यवस्था की चाल

रिजर्व बैंक ने 2021-22 के दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

Rising crude oil, coal prices expose India to macro risks says Morgan Stanley- India TV Paisa Image Source : PIXABAY Rising crude oil, coal prices expose India to macro risks says Morgan Stanley

नई दिल्‍ली। ग्‍लोबल ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्‍टेनली ने चेतावनी दी है कि एनर्जी जिंसों की बढ़ती कीमत से भारत के सामने वृहत आर्थिक मोर्चे पर जोखिम पैदा हो सकता है। इसमें मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि शामिल हैं। इसमें महंगाई दर पहले से ही ऊंची बनी हुई है। एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह कहा। मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने कहा कि तेल की कीमतें 14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 83 डॉलर प्रति बैरल हो गई है और कोयले की कीमत भी 15 प्रतिशत के उछाल के साथ 200 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गई है।

मॉर्गन स्‍टेनली ने कहा कि ऊर्जा की कीमतों, विशेषकर तेल के मामले में वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति से धीमी वृद्धि की चिंताएं जन्म ले रही हैं। साथ ही इससे यह भी आशंका बढ़ गई  है कि शायद इसके कारण मौद्रिक नीति सख्त हो सकती है। विश्लेषकों ने कहा कि मुद्रास्फीति के और बढ़ने का जोखिम है और वृद्धि केवल दो साल की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से ही सुधरेगी, जिससे नीति सामान्य स्तर पर पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीने में पांच प्रतिशत के स्तर से नीचे रहने के बाद मार्च 2022 में समाप्त होने वाली तिमाही तक मुद्रास्फीति 5.5 प्रतिशत की ओर जाएगी और ऊर्जा की कीमतों विशेषकर तेल के मामले में निरंतर वृद्धि से मुद्रास्फीति के बढ़ने का जोखिम है।

तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि से सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। चूंकि भारत अपनी तेल की मांग का 80 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है, ऐसे में तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि से चालू खाता घाटा (सीएडी) बढ़कर जीडीपी का 0.30 प्रतिशत हो सकता है। एजेंसी ने कहा कि हालांकि, अच्छे निर्यात से यह सुनिश्चित होगा कि वित्त वर्ष 2021-22 में चालू खाते का अंतर एक प्रतिशत तक सीमित रहे। 

रिजर्व बैंक ने 2021-22 के दौरान सीपीआई मुद्रास्‍फीति 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्‍फीति 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्‍यक्‍त किया गया है। अपनी आखिरी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में आरबीआई ने बाजार को समर्थन देने के लिए प्रमुख नीतिगत दरों को यथावत रखा है। मॉर्गन स्‍टेनली ने कहा है कि आरबीआई अगले साल फरवरी में रेपो रेट में वृद्धि कर सकता है।

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