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Hindi News पैसा बिज़नेस भारत का एक और पड़ोसी हुआ कंगाल, ‘शून्य’ के करीब पहुंचा इस देश का विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का एक और पड़ोसी हुआ कंगाल, ‘शून्य’ के करीब पहुंचा इस देश का विदेशी मुद्रा भंडार

श्रीलंका काफी हद तक पर्यटन और चाय के निर्यात पर निर्भर है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।

<p>भारत का एक और पड़ोसी...- India TV Paisa Image Source : AP भारत का एक और पड़ोसी हुआ कंगाल, ‘शून्य’ के करीब पहुंचा इस देश का विदेशी मुद्रा भंडार

कोलंबो। दुनिया इस वक्त अफगानिस्तान में हो रहे बदलावों पर निगाह लगाए हैं, वहीं भारत का एक और पड़ोसी कंगाली के दरवाजे पर आ गया है। भारत के दक्षिण में स्थि​त श्रीलंका इस समय गंभीर विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहा है। वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने मंगलवार को संसद को यह जानकारी दी। बासिल राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई हैं। 

बता दें कि श्रीलंका काफी हद तक पर्यटन और चाय के निर्यात पर निर्भर है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। राजपक्षे ने कहा कि बाहरी संकट के अलावा घरेलू मोर्चे पर भी संकट है। देश का राजस्व घट रहा है जबकि खर्च लगातार बढ़ रहा है। राजपक्षे ने बताया कि श्रीलंका सरकार ने वैक्सीन का 80 प्रतिशत खर्च उठाया है। 

शून्य के करीब पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमारा देश गंभीर विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहा है। केंद्रीय बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि देश का शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार ‘शून्य’ के पास है।’’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से इस साल सरकार का राजस्व अनुमान से 1,500 से 1,600 अरब रुपये घट गया है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पयर्टन और चाय जैसी फसलों के निर्यात पर निर्भर करती है। महामारी की वजह से लागू यात्रा अंकुशों ने देश के पर्यटन क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। 

राष्ट्रपति का 'तुगलकी फरमान' अर्थव्यवस्था पर पड़ा भारी

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का एक तुगलकी फरमान वहां की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ गया है और श्रीलंका में आर्थिक आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। केमिकल फर्टिलाइजर तथा कीटनाशकों के इस्तेमाल पर रोक से श्रीलंका में कृषि उपज में कमी की वजह से अधिकतर कृषि उपज जैसे अनाज, फल, सब्जियां वगैरह के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। रोजमर्रा के इस्तेमाल की जरूरी वस्तुओं की कमी लगातार बढ़ती जा रही है और वहां के नागरिकों को अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए दुकानों के बाहर लंबी लाइनें लगाकर खड़ा होना पड़ रहा है। 

सरकार ने लोगों से कहा, न करें जमाखोरी

श्रीलंका में रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं और वहां का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि श्रीलंका की करेंसी में रिकॉर्ड गिरावट देखी जा रही है, श्रीलंका के रुपए में डॉलर का भाव 200 रुपए के भी पार चला गया है। श्रीलंका में महंगाई को देखते हुए लोग जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी न कर सकें इसके लिए राष्ट्रपति ने सेना के एक जनरल को ड्यूटी पर लगा दिया है।

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