A
Hindi News पैसा बिज़नेस आम लोगों को सस्ता सोना देकर सरकार ने कमाए 31,290 करोड़ रुपये

आम लोगों को सस्ता सोना देकर सरकार ने कमाए 31,290 करोड़ रुपये

सरकार ने वर्ष 2015 में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) की शुरुआत के बाद से इस योजना से 31,290 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं।

<p>गोल्ड बॉन्ड स्कीम से...- India TV Paisa Image Source : PHOTOPEA गोल्ड बॉन्ड स्कीम से सरकार ने अब तक 31,290 करोड़ रुपये जुटाए, वित्त मंत्री ने दी जानकारी 

नयी दिल्ली। सरकार ने वर्ष 2015 में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) की शुरुआत के बाद से इस योजना से 31,290 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद को यह जानकारी दी। सीतारमण ने लोकसभा में एक जवाब में कहा कि वैकल्पिक वित्तीय संपत्ति विकसित करने और भौतिक सोने की खरीद या उसे रखने के विकल्प के रूप में, भारत सरकार द्वारा पांच नवंबर, 2015 को एसजीबी योजना को अधिसूचित किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘एसजीबी योजना पर जनता की प्रतिक्रिया आने के परिणामस्वरूप वर्ष 2015-16 से 31,290 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है।’’ 

पढ़ें- SBI ग्राहकों के लिए बुरी खबर! बैलेंस न होने पर ट्रांजेक्शन हुआ फेल, तो लगेगा इतना 'जुर्माना'

पढ़ें- SBI ग्राहक घर बैठे बदल सकते हैं नॉमिनी का नाम, ये है तरीका

योजना की विशेषताओं के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि ये बांड भारतीय रुपये के भुगतान पर जारी किए जाते हैं और सोने पर ग्राम में अंकित होते हैं। बांड रिजर्वबैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं, और इसकी एक सरकारी गारंटी होती है। उसने आगे कहा, ‘‘इन बांडों पर देय ब्याज अर्ध-वार्षिक है और 2.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से है। बांड पर ब्याज आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कर योग्य है। 

पढ़ें- पेटीएम से पेमेंट करना पड़ेगा महंगा, कंपनी ने थोपा एक्स्ट्रा चार्ज

पढ़ें- अब गैर रजिस्टर मोबाइल नंबर पर भी आएगा आधार OTP, UIDAI ने बताई पूरी प्रक्रिया

एसजीबी के भुनाने पर उत्पन्न होने वाला पूंजीगत लाभ कर से किसी भी व्यक्ति को छूट दी गई है।’’ इस बीच, सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना 2021-22 - श्रृंखला पांच - सोमवार से 13 अगस्त तक के लिये खोली गयी है। निपटान तिथि 17 अगस्त, 2021 है। आवेदन अवधि के दौरान बांड का निर्गम मूल्य 4,790 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। एक अन्य सवाल के जवाब में, सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2020-21 के दौरान सरकार का कुल कर्ज का बोझ 1,19,53,758 करोड़ रुपये (अस्थायी) या जीडीपी का 60.5 प्रतिशत (1,97,45,670 करोड़ रुपये) था। 

Latest Business News