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Hindi News पैसा बिज़नेस बदलेगी चाय की चुस्की, गडकरी ने कहा- अगले 6 महीने में आएगा ये खास प्रोडक्ट

बदलेगी चाय की चुस्की, गडकरी ने कहा- अगले 6 महीने में आएगा ये खास प्रोडक्ट

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि अगले कुछ महीने में खादी ग्रामोद्योग आयोग शहद के क्यूब लॉन्च करने जा रहा है जिन्हें चीनी की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

Use honey cube In the next 6 months says Nitin Gadkari tea sugar- India TV Paisa Image Source : SOCIAL MEDIA Use honey cube In the next 6 months says Nitin Gadkari tea sugar

नयी दिल्ली। देश के ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी और बेरोजगारी बड़े स्तर पर होने की बात स्वीकार करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास कर रही है और ऐसे ही अनेक प्रयासों के तहत अगले कुछ महीने में खादी ग्रामोद्योग आयोग शहद के क्यूब लॉन्च करने जा रहा है जिन्हें चीनी की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। 

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया कि सरकार शहद के क्लस्टर बना रही है और उच्च गुणवत्ता के शहद से चीनी की तरह ही क्यूब बनाने की दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने सुनील कुमार पिंटू के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि खादी ग्रामोद्योग आगामी कुछ महीने में शहद के क्यूब की बिक्री शुरू करेगा।

गडकरी ने कहा कि अगले छह महीने के अंदर लोग चीनी के क्यूब की जगह शहद के क्यूब डालकर चाय पी सकेंगे। उन्होंने बताया कि एमएसएमई मंत्रालय 'भारत क्राफ्ट' नाम से नया ई-कॉमर्स पोर्टल शुरू करने जा रहा है और इसे भारतीय स्टेट बैंक के साथ मिलकर चलाने की योजना है। गडकरी ने बताया कि इस पोर्टल पर एमएसएमई के सभी उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे और 'न्यूयॉर्क में बैठकर कश्मीर का शॉल खरीदा जा सकता है।' 

उन्होंने कहा कि इसके अलावा नए विचारों और नवोन्मेष के लिए एक वेबसाइट भी शुरू होने वाली है। गडकरी ने कहा कि एमएसएमई उद्योग से इस साल 85 हजार करोड़ रुपए के व्यापार की संभावना है तथा आगामी पांच साल में देश के विकास में एमएसएमई का योगदान 50 प्रतिशत ले जाने का लक्ष्य रखा गया है जो अभी लगभग 29 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान केवल शहरों पर नहीं, बल्कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान है। कुछ वर्ष में देश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इतनी मजबूती आएगी कि लोग शहरों से गांवों की ओर लौटेंगे।

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