Highlights
- गौतम अडानी (Gautam Adani) दुनिया में तीसरे सबसे अमीर आदमी बन गए हैं
- भारत का तीसरा सबसे बड़ा समूह है अडानी ग्रुप
- पिछले महीने बने थे चौथे सबसे अमीर व्यक्ति
Richest Man In The World: ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के अनुसार, भारत के दिग्गज अरबपति और अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी (Gautam Adani) दुनिया में तीसरे सबसे अमीर आदमी (3rd Richest Man) बन गए हैं। उन्होनें फ्रांस के बिजनेस मैन बर्नार्ड अरनॉल्ट (Bernard Arnault) को पछाड़ दिया है। अडानी के पास इस समय 137.4 बिलियन डॉलर(करीब 11 लाख करोड़) की कुल संपत्ति है। लिस्ट में अडानी से आगे अमेरिका के दो अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) और जेफ बेजोस (Jeff Bezos) हैं, जो क्रमश: पहले और दूसरे नंबर पर हैं।
अंबानी लिस्ट में 11वें नंबर पर
यह पहली बार है जब कोई एशियाई व्यक्ति ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के शीर्ष तीन में शामिल हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस प्रमुख मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) कुल 91.9 बिलियन डॉलर (7.3 लाख करोड़ रुपये) के साथ 11वें नंबर पर हैं। एलन मस्क और जेफ बेजोस की कुल संपत्ति वर्तमान में क्रमशः 251 बिलियन और 153 बिलियन डॉलर है।
भारत का तीसरा सबसे बड़ा समूह है अडानी ग्रुप
रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा समूह के बाद अडानी ग्रुप देश का तीसरा सबसे बड़ा समूह है। बीएसई पर इनकी सात कंपनियां लिस्टेड हैं, जिसका नाम अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडानी पावर, अडानी टोटल गैस, अडानी विल्मर और अडानी ट्रांसमिशन है। राउटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप की इस समय मार्केट वैल्यू 18.9 लाख करोड़ रुपये है।
पिछले पांच वर्षों में अडानी एंटरप्राइजेज ने हवाई अड्डों, सीमेंट, कॉपर रिफाइनिंग, डेटा सेंटर, ग्रीन हाइड्रोजन, पेट्रोकेमिकल रिफाइनिंग, सड़कों और सौर सेल निर्माण सहित कई नए विकास क्षेत्रों में भारी निवेश किया है।
पिछले महीने बने थे चौथे सबसे अमीर व्यक्ति
फोर्ब्स की रीयल-टाइम अरबपतियों की सूची के अनुसार, पिछले महीने अडानी ने माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे।
समुदाय के प्रति कंपनी निभा रही है जिम्मेदारी
जुलाई के अंत में आयोजित समूह की वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों को कंपनी के तरफ से बताया गया था कि अडानी ग्रुप समुदाय के प्रति कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित गतिविधियों के लिए 60,000 करोड़ रुपये का योगदान करने का फैसला किया था, जिसका फोकस ग्रामीण भारत में विकास की गति को रफ्तार देना था।