पीएम मोदी ने ISRO को बधाई देते हुए कहा कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग हमारे बैज्ञानिकों का कौशल दिखाती है।
चांद पर भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को सोमवार को श्रीहरिकोटा से सबसे शक्तिशाली रॉकेट GSLV-मार्क III-M1 (बाहुबली) के जरिए लॉन्च कर दिया गया।
अनुसंधान ने स्पेस में भी युवाओं के लिए करियर के रास्ते खुल गए हैं।
इसरो के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिये विस्तृत अध्ययन करना है। आइए आपको बताते हैं चंद्रयान-2 से भारत को होंगे क्या फायदे।
स्पूतनिक ने कहा, "चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 12.4 करोड़ डॉलर है जिसमें 3.1 करोड़ डॉलर लांच की लागत है और 9.3 करोड़ डॉलर उपग्रह की। यह लागत एवेंजर्स की लागत की आधी से भी कम है। इस फिल्म का अनुमानित बजट 35.6 करोड़ डॉलर है।"
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने रविवार को बताया कि रविवार शाम 6.43 बजे से चंद्रयान-2 लांच करने की उल्टी गिनती शुरू।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-2 को ले जाने वाले रॉकेट 'बाहुबली' यानी GSLV MARK-।।। की रिहर्सल पूरी कर ली है। इसरो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। अब ये मिशन पूरी तरह से तैयार है।
चंद्रयान-2 की लॉन्च रिहर्सल सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है। इस दौरान सबकुछ नॉर्मल रहा। इसरो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
इतिहास के पन्नों में 20 जुलाई की तारीख एक ऐसी घटना के साथ दर्ज है, जिसने चांद को कवियों की कल्पनाओं और रूमानियत के नफीस एहसास से निकालकर हकीकत की पथरीली जमीन पर उतार दिया।
isro moon mission Chandrayaan-2 launch at 2:43 pm on Monday July 22, 2019 । 22 जुलाई को Chandrayaan-2 को किया जाएगा लॉन्च, ISRO ने ठीक की खामी
बताया जा रहा है अगर जुलाई में चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टल जाता है तो फिर सितंबर या अक्टूबर में ऐसा संभव हो पायेगा। इसकी वजह लांच विंडो का सही समय है।
भारत ने सोमवार तड़के श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से होने वाले दूसरे चंद्रमा मिशन, चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण तकनीकी खामी के चलते तय समय से लगभग एक घंटे पहले रद्द कर दिया।
चंद्रयान के प्रक्षेपण में सतर्कता बरतने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तारीफ करते हुए विभिन्न अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा है कि भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान -2 के प्रक्षेपण को समय रहते रद्द करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी की प्रसंशा करनी चाहिए।
भारत ने सोमवार तड़के होने वाले चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को तकनीकी खामी की वजह से टाल दिया। इसके लिए अब नई तारीख की घोषणा की जाएगी।
यह पहला अवसर नही हैं कि जब इसरो द्वारा मिशन को टाल दिया गया हो या मिशन असफल रहा हो इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। आईए जानते है इसके बारें में।
चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण सोमवार को तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर होना था जिसका 56 मिनट 24 सेकेंड पर काउंटडाउन रोक दिया गया। जिसके बाद अब प्रक्षेपण टाल दिया गया है।
इसरो के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिये विस्तृत अध्ययन करना है। आइए आपको बताते हैं चंद्रयान-2 से भारत को होंगे क्या फायदे।
अपनी इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि अमेरिका के अपोलो 11 और सोवियत संघ के लूना 2 मिशन के बारे में।
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को लॉन्च करने जा रही है।
भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के महत्वूपर्ण कलपुर्जे भुवनेश्वर स्थित ‘सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर’ (सीटीटीसी) ने बनाए हैं। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
चांद पर भारत के दूसरे अभियान चंद्रयान-2 की परियोजना निदेशक और मिशन निदेशक को अभिनेता अक्षय कुमार ने इसकी सफलतापूर्वक लॉचिंग के लिए शुभकामनाएं दी हैं।