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बिहार में शराबबंदी फेल! नीतीश सरकार के ढीले रवैये ने ली 32 लोगों की जान?

आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, 'शराबबंदी कागज पर है, खुलेआम बिक रही है (शराब)। लेकिन, सीएम जिद्द बनाए हुए हैं और ईमानदारी के साथ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जांच हुई, पुलिस अधिकारियों और मंत्री का नाम सामने आया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।'

बिहार में शराबबंदी फेल! नीतीश सरकार के ढीले रवैये ने ली 32 लोगों की जान?- India TV Hindi Image Source : PTI बिहार में शराबबंदी फेल! नीतीश सरकार के ढीले रवैये ने ली 32 लोगों की जान?

पटना (बिहार): बिहार में जहरीली शराब से हुए मौतों ने नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून और उसे लागू करने की व्यवस्था की पोल खोल दी है। सुशासन का दावा सवालों के घेरे में है और टारगेट पर नीतीश सरकार है। जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा बढ़ गया है। हालिया जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।

बिहार में कहां कितनी मौतें हुईं?

प्रशासन ने बेतिया में 15 और गोपालगंज में 13 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि की है। लेकिन, बताया जा रहा है कि आंकड़ा और भी ज्यादा है और मरने वालों की तादाद अभी और बढ़ सकती है। क्योंकि, जहरीली शराब के शिकार कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। इसके अलावा समस्तीपुर में भी अवैध शराब से 4 लोगों की मौत हुई है।

बिहार में शराबबंदी फेल?

जहरीली शराब से हुईं इन मौतों ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बिहार में शराबबंदी फेल हो गई है क्योंकि अगर नहीं, तो फिर लोगों तक शराब कैसे पहुंची और प्रशासन इस शराब को ट्रैक क्यों नहीं कर पाया। हालांकि, कहा जा रहा है कि जो शराब लोगों ने पी है वह कच्ची शराब है, जिसे स्थानीय लोगों द्वारा ही बनाया गया था।

जहरीली शराब से मौतों के मामले लगातार सामने आते रहे

बिहार में अप्रैल 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई थी। सरकार की ओर से इसे एकदम कड़ाई से लागू किए जाने का दावा किया जाता रहा है लेकिन सिर्फ साल 2021 में ही अभी तक 13 अलग-अलग घटनाओं में जहरीली शराब से करीब 66 लोगों की मौत हो चुकी है, इसमें हाल में बेतिया, गोपालगंज और समस्तीपुर में हुई मौतें शामिल नहीं है।

नीतीश कुमार का ढीला रवैये बना मौत की वजह?

राज्य में लगातार बार-बार जहरीली शराब से हो रही मौतों के बीच सरकार की ओर से हर बार एक जैसा ही बयान सामने आता है कि कार्रवाई करेंगे और शराब बंदी को लेकर अभियान तेज करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "राज्य में शराब बंदी को कड़ाई से लागू करने के लिए मैं गहन समीक्षा करूंगा। शराब पीने की बुरी आदत के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने की जरूरत है।"

सरकार नहीं करती दोषियों पर कार्रवाई?

विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती है। आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, 'शराबबंदी कागज पर है, खुलेआम बिक रही है (शराब)। लेकिन, सीएम जिद्द बनाए हुए हैं और ईमानदारी के साथ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जांच हुई, पुलिस अधिकारियों और मंत्री का नाम सामने आया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।'