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बिहार में बदलाव के मूड में भाजपा, नई टीम तैयार करने की कवायद

अब तक भाजपा के सरकार में शामिल होने के बाद सुशील कुमार मोदी को नीतीश कुमार के सहयोगी के तौर पर उपमुख्यमंत्री बनाया जाता था। लेकिन इस बार सुशील कुमार मोदी को दरकिनार कर कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद को तथा बेतिया की विधायक रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।

BJP seeking change in bihar making new team । बिहार में बदलाव के मूड में भाजपा, नई टीम तैयार करने की- India TV Hindi Image Source : PTI बिहार में बदलाव के मूड में भाजपा, नई टीम तैयार करने की कवायद (Representational Image)

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब बदलाव के मूड में है। विधानसभा चुनाव में बहुमत प्राप्त कर बिहार में राजग की सरकार ने कार्यभार संभाल लिया है। नई सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा राज्य में पहली बार दो उप मुख्यमंत्रियों को शामिल किया गया है।

अब तक भाजपा के सरकार में शामिल होने के बाद सुशील कुमार मोदी को नीतीश कुमार के सहयोगी के तौर पर उपमुख्यमंत्री बनाया जाता था। लेकिन इस बार सुशील कुमार मोदी को दरकिनार कर कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद को तथा बेतिया की विधायक रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। राजग को विधानसभा चुनाव में 125 सीटें मिलीं जिनमें भाजपा की 74, जदयू की 43, हम व वीआइपी की चार-चार सीटें शामिल हैं।

गौर से देखा जाए तो भाजपा इस बार राज्य में पार्टी के पुराने दिग्गजों से किनारा कर नई टीम तैयार करने में जुटी है। सुशील मोदी के अलावा पिछली सरकार में पथ निर्माण मंत्री रहे नंदकिशोर यादव तथा कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार को भी किनारे कर दिया गया। नंदकिशोर यादव को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन अचानक विजय कुमार सिन्हा को इस पद के लिए उपयुक्त माना गया और सिन्हा अध्यक्ष बन गए।

भाजपा के एक नेता ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया, परिवर्तन ही नियम है। पार्टी ने टीम में बदलाव कर इतना तो साफ कर दिया है कि अब सब कुछ पहले जैसा नहीं रहा, चीजें बदल गई हैं। नए लोगों को मौका दिया गया है। पार्टी नेतृत्व जिसको दायित्व दे रहा है, वह निभा रहा है, इसके दूसरे मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।

वैसे इस बदलाव को लेकर कहा जा रहा है कि सरकार में पार्टी का हस्तक्षेप बढ़ेगा जो सुशील मोदी के उपमुख्यमंत्री रहते कतई संभव नहीं था। दूसरी बात कि इस तरह नेतृत्व की दूसरी पंक्ति भी राज्य में खड़ी हो सकेगी। वैसे, भाजपा के नेता यह भी मानते हैं कि राजग को सत्ता तक पहुंचाने में महिला मतदाताओं की बड़ी भूमिका है, यही कारण है कि महिला को उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मदारी सौंपी गई है।

भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, "भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है। नए चेहरों को जगह देकर भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी का साधारण कार्यकर्ता भी अपने बूते शिखर पर पहुंच सकता है। यह किसी पॉकेट और परिवार की पार्टी नहीं है, कि एक परिवार की इच्छा ही चलेगी। भाजपा का नया अध्यक्ष कौन होगा यह कोई नहीं बता सकता। यहां मतदान केंद्र से लेकर बड़ा नेता भी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री बन सकता है।"

बहरहाल, भाजपा इस चुनाव के बाद 'बड़े भाई' की भूमिका में आ गई है और अब वह अपने बूते बिहार में खड़ा होना चाहती है। यही कारण माना जा रहा है कि भाजपा में नई टीम तैयार करने की कवायद चल रही है। वैसे, यह बदलाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के लिए कितना कारगर होता है यह तो अब देखने वाली बात होगी।