रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नारायणपुर की तीन बेटियों से संबंधित घटना पर गंभीर चिंता प्रकट की है। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब इन बेटियों को नर्सिंग ट्रेनिंग और जॉब दिलाने का प्रलोभन देकर दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों के माध्यम से आगरा ले जाया जा रहा था।
ह्यूमन ट्रैफिकिंग और मतांतरण की आशंका
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस प्रकरण में ह्यूमन ट्रैफिकिंग और मतांतरण की आशंका व्यक्त की जा रही है, जो महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करने वाला गंभीर विषय है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और यह न्यायालयीन प्रक्रिया में है। सरकार पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है, तथा कानून अपनी प्रक्रिया के अनुसार निर्णय लेगा।
सीएम साय बोले- महिलाओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय और समावेशी प्रदेश है जहां सभी धर्म और समुदाय के लोग आपसी सद्भाव के साथ रहते हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हमारी बस्तर की बेटियों से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रूप देना दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा की कि इस प्रकार की घटनाओं को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए, विशेषकर जब बात हमारी बस्तर की बेटियों की सुरक्षा से जुड़ी हो।
तीन लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
बता दें कि अभी हाल में ही दुर्ग जिले में मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण कराने की कोशिश के आरोप में दो कैथोलिक नन सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। बजरंग दल के एक स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत के बाद तीनों को 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। शिकायत में तीनों पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्मांतरण और उनकी तस्करी करने की कोशिश का आरोप लगाया गया था।