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दिल्ली: शराब की सभी प्राइवेट दुकानें आज से बंद, जीविका के नए साधन तलाश रहे हैं कर्मचारी

दिल्ली निजी शराब की दुकानें आज से डेढ़ महीने तक बंद रहेंगी जोकि कुल शराब दुकानों की करीब 40 फीसदी हैं। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत 266 निजी शराब की दुकानों सहित सभी 850 शराब की दुकानें खुली निविदा के जरिए निजी कंपनियों को दे दी गई हैं।

<p>दिल्ली: शराब की सभी...- India TV Hindi Image Source : PTI (FILE PHOTO) दिल्ली: शराब की सभी प्राइवेट दुकानें आज से बंद, जीविका के नए साधन तलाश रहे हैं कर्मचारी

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में निजी शराब की दुकानें आज से डेढ़ महीने तक बंद रहेंगी जोकि कुल शराब दुकानों की करीब 40 फीसदी हैं। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत 266 निजी शराब की दुकानों सहित सभी 850 शराब की दुकानें खुली निविदा के जरिए निजी कंपनियों को दे दी गई हैं। नए लाइसेंस धारक शहर में शराब की खुदरा बिक्री 17 नवंबर से शुरू करेंगे। हालांकि, इस दौरान शराब की खुदरा बिक्री के लिए सरकारी शराब की दुकानें खुली रहेंगी। ये सरकारी दुकानें 16 नवंबर को बंद हो जाएंगी। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सरकारी शराब की दुकानों को मांग में इजाफा होने की संभावना के मद्देनजर पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने को कहा गया है।

जीविका के नए साधन तलाश रहे हैं कर्मचारी

दिल्ली के गोविंद पुरी इलाके की एक निजी शराब की दुकान के सेल्समैन नीलेश कुमार ने बृहस्पतिवार को अपने काम के आखिरी दिन कहा कि वह भविष्य में क्या करेंगे, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नयी आबकारी नीति लागू होने के बाद एक अक्टूबर से नीलेश की दुकान समेत शराब की सभी 260 निजी दुकानें बंद हो जाएंगी। सरकार की नई आबकारी नीति के कारण, शराब की निजी दुकानों पर काम करने वालों का भविष्य अधर में लटक गया है।

इन दुकानों के मालिकों और कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने जीविका के नए साधनों की तलाश करना शुरू कर दिया है। कुछ लोग प्रापर्टी डीलर का काम करने की सोच रहे हैं जबकि कुछ अन्य क्षेत्रों में किस्मत आजमाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। कुछ लोग तो सेवानिवृत्त होने के बारे में भी सोच रहे हैं। सरकार की नई आबकारी नीति से प्रभावित होने वाले नीलेश अकेले व्यक्ति नहीं हैं। राष्ट्रीय राजधानी में निजी शराब की दुकानें बंद होने से करीब 3,000 ऐसे कर्मचारियों के प्रभावित होने की संभावना है। नीलेश का कहना है कि उनके पास कोई अन्य नौकरी या व्यवसाय नहीं है और अब वह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में अपने गृहनगर जाने के बारे में सोच रहे हैं।

दिल्ली शराब व्यापारी संघ के अध्यक्ष नरेश गोयल ने कहा कि निजी शराब की दुकानें बंद होने से इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और ऐसे प्रतिष्ठानों के मालिकों और प्रबंधकों ने अपनी जीविका के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश शुरू कर दी है। नरेश गोयल ने कहा, ‘‘शराब की दुकानों के कुछ मालिकों के पास अन्य व्यवसाय भी हैं, इसलिए वे अपना ध्यान उन पर केंद्रित कर सकते हैं, जबकि कुछ प्रॉपर्टी से जुड़े कारोबार में जाने की सोच रहे हैं। मैं इस व्यवसाय से जुड़े हुए कई ऐसे लोगों को भी जानता हूं जो नौकरी की तलाश कर रहे हैं और यहां तक कि 16 नवंबर के बाद शुरू होने वाली नयी आकर्षक दुकानों में प्रबंधकों के रूप में काम करने के लिए तैयार हैं।’’