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दिल्ली में खतरे की घंटी, वायु गुणवत्ता में पराली जलाने से भारी नुकसान

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी संगठन वायु गुणवत्ता प्रणाली एवं मौसम पूर्वानुमान व शोध (सफर) ने बताया कि स्थिति में तब तक सुधार होने की संभावना नहीं है जब तक कि पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी नहीं आती है।

दिल्ली में खतरे की घंटी, वायु गुणवत्ता में पराली जलाने से भारी नुकसान- India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली में खतरे की घंटी, वायु गुणवत्ता में पराली जलाने से भारी नुकसान

नयी दिल्ली: पंजाब और आसपास के क्षेत्रों में पराली को कथित रूप से जलाए जाने के बीच रविवार को राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मोबाइल ऐप 'समीर' के मुताबिक, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 426 दर्ज किया गया है जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। 

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी संगठन वायु गुणवत्ता प्रणाली एवं मौसम पूर्वानुमान व शोध (सफर) ने बताया कि स्थिति में तब तक सुधार होने की संभावना नहीं है जब तक कि पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी नहीं आती है। 

सफर ने कहा कि सतही हवाएं शांत हो गई हैं जो अब तक मध्यम थी और अगले दो दिन तक इनके हल्का रहने का अनुमान है। यही प्रमुख कारण है कि तेजी से सुधार होने की संभावना नहीं है और सुधार तभी हो पाएगा जब पराली जलाने की घटनाओं में कमी आए। 

सफर के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और आसपास के इलाकों में शनिवार को पराली जलाने की घटनाएं 3780 थी। दिल्ली के पीएम 2.5 में इसकी हिस्सेदारी रविवार को अनुमानित तौर पर करीब 29 प्रतिशत रही। यह अनुमानित तौर पर शनिवार को 32 फीसदी थी।

सफर ने कहा कि वायु गुणवत्ता के मामूली रूप से और खराब होने और अगले दो दिन 'गंभीर' और 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है। 

दिल्ली में 35 निगरानी स्टेशनों में से 31 में एक्यूआई ' गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया है। जिन स्टेशनों में एक्यूआई 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया है, उनमें लोधी रोड (333), एनएसआईटी द्वारका (377) और पूसा (374) शामिल है। उत्तर परिे आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। 

एनसीआर क्षेत्र में भी एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया। गुड़गांव में एक्यूआई 434, गाजियाबाद में 456, नोएडा में 428 और ग्रेटर नोएडा में 440 दर्ज किया गया। शुक्रवार को पराली जलाने की 4528 घटनाएं दर्ज की गई थी। केंद्र सरकार की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता शीघ्र चेतावनी प्रणाली ने कहा है कि शहर की वायु गुणवत्ता के दिवाली पर भी 'गंभीर' श्रेणी में रहने के आसार हैं। शनिवार शाम को एक्यूआई 427 दर्ज किया गया था।