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Hindi News दिल्ली किसान आंदोलन के चलते सिंघू और टिकरी बॉर्डर बंद, दिल्ली में अहम मार्गों पर यातायात प्रभावित

किसान आंदोलन के चलते सिंघू और टिकरी बॉर्डर बंद, दिल्ली में अहम मार्गों पर यातायात प्रभावित

केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के मद्देनजर सिंघू और टिकरी बॉर्डर बंद कर दिए जाने से शनिवार को दिल्ली में अहम मार्गों पर यातायात प्रभावित रहा। 

Farmers continue agitation against farm laws on Singhu, Tikri borders, traffic affected- India TV Hindi Image Source : PTI सिंघू और टिकरी बॉर्डर बंद कर दिए जाने से शनिवार को दिल्ली में अहम मार्गों पर यातायात प्रभावित रहा। 

नयी दिल्ली: केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के मद्देनजर सिंघू और टिकरी बॉर्डर बंद कर दिए जाने से शनिवार को दिल्ली में अहम मार्गों पर यातायात प्रभावित रहा। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया कि आजादपुर और बाहरी रिंगरोड से सिंघू बार्डर के लिए यातायात की अनुमति नहीं है। उसने ट्वीट किया ‘‘टिकरी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। हरियाणा जाने के लिए झड़ौदा, दौराला, झटीकरा, बदुसारी, कापसहेड़ा, राजोकड़ी एनएच 8, बिजवासन/बाजघेरा, पालम विहार और डौंडाहेरा बॉर्डर खुले हैं।’’

यातायात पुलिस ने कहा कि सिंघू बॉर्डर अब भी दोनों ओर से बंद है। उसने कहा, ‘‘कृपया, वैकल्पिक मार्ग लें। मुकरबा चौक और जीटीके से यातायात का मार्ग बदल दिया गया है। बहुत अधिक यातायात है। कृपया सिग्नेजर ब्रिज से रोहिणी और इसी मार्ग पर वापसी के रास्ते, जीटीके रोड, एनएच 44 एवं सिंघू बॉर्डर से परहेज करें।’’

संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) मीनू चौधरी ने कहा, ‘‘हम यात्रियों से सिंघू बॉर्डर एवं टिकरी बॉर्डर, मुकरबा चौक, एनएच 44, जीटी करनाल रोड और बाहरी रिंगरोड की ओर यात्रा करने से परहेज करने की अपील करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि शनिवार को कार्यालय जाने वाले अधिकतर लोगों के लिए छुट्टी का दिन होने के कारण शुक्रवार की तुलना में अन्य हिस्सों में यातायात बेहतर रहा। 

शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए ढांसा, झड़ौदा कलां, टिकरी, गुरूग्राम और चिल्ला समेत कई स्थानों पर यातायात पर रोक लगा दी थी। बाहरी रिंगरोड के कुछ खंड, मुकरबा चौक, जी टी करनाल रोड, एनएच 44 भी बंद थे। इन पाबंदियों के चलते अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई और यात्री भ्रम में पड़ गये थे। वे घंटों जाम में फंस गये थे। जब पुलिस ने किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की अनुमति दी तब स्थिति संभली।

तीस से अधिक किसान संगठनों से संबद्ध किसानों ने लालरू, शंभू, पटियाला- पहोवा, पाटरन-खनौरी, मूनक-टोहाना, रतिया-फतेहाबाद और तलवंडी-सिरसा जैसे विभिन्न मार्गों से ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया था। ये किसान मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार नये कृषि कानून निरस्त करे और उनके स्थान पर संबंधित पक्षों से चर्चा कर नये कानून बनाए।