A
Hindi News दिल्ली दिल्ली में दिवाली पर नहीं चलेंगे पटाखे, अरविंद केजरीवाल ने लगाया पूर्ण प्रतिबंध

दिल्ली में दिवाली पर नहीं चलेंगे पटाखे, अरविंद केजरीवाल ने लगाया पूर्ण प्रतिबंध

देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली पर पटाखे चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा की है

<p>अरविंद केजरीवाल ने...- India TV Hindi Image Source : PTI अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि दिवाली पर दिल्ली में पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली पर पटाखे चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा की है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। केजरीवाल ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि, "पिछले 3 साल से दीवाली के समय दिल्ली के प्रदूषण की खतरनाक स्तिथि को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।"

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवला ने पटाखा कारोबारियों को भी पटाखों का भंडारण नहीं करने के लिए कहा है, अपने ट्वीट संदेश में केजरीवाल ने कहा, "पिछले साल व्यापारियों द्वारा पटाखों के भंडारण के पश्चात प्रदूषण की गंभीरता को देखत हुए देर से पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया जिससे व्यापारियों का नुकसान हुआ था। सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए किसी भी तरह का भंडारण न करें।"

इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उत्तर भारत में प्रदूषण का कारण बनी पराली को गलाने के लिए केंद्र राज्यों पर बायो डीकम्पोजर के इस्तेमाल का दबाव डाले। उन्होंने कहा था कि जैसे दिल्ली सरकार ने सारे किसानों के खेतों में मुफ्त बायो डीकम्पोजर का छिड़काव किया, ऐसे ही आस पड़ोस के सारे राज्यों की सरकारों को निर्देश दिए जाएं कि वे भी किसानों के खेतों में मुफ्त बायो डीकम्पोजर का छिड़काव करें।

केजरीवाल ने कहा था कि धान की फसल लगभग अक्टूबर के महीने में किसान काटता है और जब फसल कटती है तो डंठल बच जाता है जिसे पराली कहते हैं, इसके बाद किसान को थोड़ा ही समय मिलता है और उसे गेहूं की खेती करनी पड़ती है, इस समय के बीच किसान को इस डंठल से मुक्ति पानी होती है और किसान पराली को आग लगा देता है जिससे खेत साफ हो जाता है। इसके बाद वह फिर से गेहूं की खेती कर लेता है। प्रदूषण की यही वजह है।