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जेएनयू में एबीवीपी और लेफ्ट विंग ने किया विरोध प्रदर्शन, एक दूसरे पर लगाया हिंसा का आरोप

जेएनयू कैंपस में छात्र संघ का चुनाव कराने को लेकर शुक्रवार को लेफ्ट और एबीवीपी की एक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें दोनों के बीच झड़प हो गई। इसके बाद आज एबीवीपी के छात्रों और लेफ्ट के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन निकाला और एक दूसरे पर आरोप लगाया।

jnu left wing students and abvp students protest in campus- India TV Hindi Image Source : ANI जेएनयू में लेफ्ट विंग और एबीवीपी ने किया विरोध प्रदर्शन

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल शुक्रवार को छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर आयोजित एक बैठक के दौरान जेएनयू परिसर में एबीवीपी और वाम मोर्चे की छात्र इकाई के बीच झड़प हो गई थी। इस मामले पर एबीवीपी के अध्यक्ष, उमेश चंद्रा का कहना हा कि यहां कम्युनिष्ट जेएनयूएसयू पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। वे एबीवीपी गो बैक नाम से एक अभियान चला रहे हैं। वे नहीं चाहते कि हम जेएनयूएसयू में भाग ले। वे राष्ट्र विरोधी तत्वों का लाते हैं, जो जेएनयू परिसर के अंदर के छात्र नहीं हैं।

जेएनयू में एबीवीपी और लेफ्ट का विरोध प्रदर्शन

वहीं शुक्रवार को हई झड़प के बाद  वाम मोर्चा की छात्र इकाई ने भी जेएन्यू परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने इस बाबत कहा कि कल एबीवीपी द्वारा हिंसा किए जाने के बाद हम मानव श्रृंखला के जरिए शांति का संदेश देना चाहते थे। एबीवीपी डर का माहौल बनाने की कोशिश कर रही थी, जबकि उनके पास सिर्फ 40-50 लोग थे। जेएनयू प्रशासन भी बैकफुट पर खेल रहा है। वे नहीं चाहते कि राष्ट्रीय राजधानी में वामपंथी जीते। आइशी ने कहा कि हम सोमवार को यूजीबीएम को वापस शुरू करने जा रहे हैं।

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आइशी ने कहा कि जेएनयू कैंपस ने कभी भी हिंसा को स्वीकार नहीं किया है। नजीब को जिस तरीके से मारपीट करके गायब करवाया गया, उसके बाद से मारपीट का कैंपस में चलन शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि हम कैंपस के अंदर छात्रों की आवाज को बुलंद करना चाहते हैं। इससे पहले भी जेएनयू में कई बार हिंसा किया जा चुका है। जेएनयू प्रशासन बैकफुट पर खेल रहा है। वह कैंपस में चुनाव नहीं कराना चाहते, क्योंकि वो नहीं चाहते हैं कि दिल्ली जैसे क्षेत्र में वामपंथी जीते। क्योंकि सरकार कहती रहती है कि वामपंथी और लेफ्ट तो कहीं नहीं हैं। हम हिंसा का पक्ष कभी नहीं लेते, हम संविधान में विश्वास करते हैं।