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Hindi News दिल्ली भारत को इस्लामिक देश बनाने की साजिश, जेएनयू विवाद पर बोले गिरिराज सिंह

भारत को इस्लामिक देश बनाने की साजिश, जेएनयू विवाद पर बोले गिरिराज सिंह

जेएनयू में हुए विवाद पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जमकर निशाना साधा है। मंत्री ने कहा कि सनातन धर्म की परिभाषा बदलने की कोशिश सदन में बैठे लोगों नहीं करनी चाहिए।

गिरिराज सिंह- India TV Hindi Image Source : PTI गिरिराज सिंह

जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मण और बनियों के खिलाफ लिए गए विवादित नारों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने निशाना साधते हुए कहा कि जेएनयू टुकड़े-टुकड़े गैंग चलाने वाले राजनीतिक दलों का अड्डा बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी टुकड़े-टुकड़े गैंग और गजवा-ए-हिंद की सांठगाठ देश में चल रही है और वे देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे भारत में अपने मकसद को सफल नहीं कर पाएंगे। सिंह ने जेएनयू में चल रहे हैं विवाद पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सत्ता आती रहेगी जाती रहेगी लेकिन सनातन धर्म की परिभाषा बदलने की कोशिश सदन में बैठे लोगों नहीं करनी चाहिए। 

JNU शिक्षा का एक मंदिर है
गिरिराज सिंह ने कहा कि कुछ कट्टरपंथी ताकतें भारत को इस्लामिक देश बनाने की साजिश में लगी है। उन्होंने कहा कि उन्हीं लोगों के द्वारा बहुसंख्यकों में दरार पैदा करने के लिए इस तरह के स्लोगन जेएनयू की दीवारों पर लिखे गए हैं। सिंह ने आगे कहा कि जेएनयू शिक्षा का एक मंदिर हैं, जिसे बदनाम करने की साजिश की जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कट्टरपंथी अल्पसंख्यकों की बहुसंख्यकों को तोड़ने की यह कोशिश कभी सफल नहीं हो पाएगी। 

क्या था जेएनयू का मामला?
दरअसल,1 दिसंबर को सोशल मीडिया कई तस्वीरें वायरल हुई थीं। तस्वीरों में दीवारों पर लाल रंग से 'ब्राह्मणों कैंपस छोड़ो', 'ब्राह्मणों-बनियों हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, तुम्हें बख्शा नहीं जाएगा' और 'शाखा लौट जाओ' जैसे नारे लिखे नजर आए थे। विश्वविद्यालय परिसर में जाति विशेष के खिलाफ लिखी गई इन बातों से जेएनयू एक बार फिर विवादों का माहौल बन गया था। विश्वविद्यालय के कई छात्रों और छात्र संगठनों ने जेएनयू परिसर की दीवारों पर लिखे ब्राह्मण और बनिया विरोधी नारों पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। वहीं विश्वविद्यालय में ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ लिखी सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई हैं, जिससे विभिन्न छात्र संगठनों में आक्रोश है।