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Hindi News एजुकेशन नई शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय सम्मेलन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया संबोधित

नई शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय सम्मेलन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया संबोधित

सोमवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केंद्रित विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है। इस सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होने वाले हैं।

<p>New Education Policy</p>- India TV Hindi Image Source : ANI New Education Policy

केंद्र सरकार ने हाल ही में देश की नई शिक्षा नीति की घोषणा कर दी है। इसमें स्कूली शिक्षाा के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए गए हैं। सोमवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केंद्रित विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा है। इस सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। इस कॉन्फ्रेंस में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री, विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी, '7 सितंबर को सुबह 10:30 बजे मैं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और इसके परिवर्तनकारी प्रभाव पर राष्ट्रपति, राज्यपालों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एक सम्मेलन में शामिल रहूंगा इस सम्मेलन से होने वाला उद्धार भारत को ज्ञान का केंद्र बनाने के हमारे प्रयासों को मजबूत करेगा।'

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिये समितियों का गठन

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिये समितियों का गठन किया जा रहा है और शिक्षाविदों, विशेषज्ञों से संवाद कर सुझाव प्राप्त किये जा रहे हैं। निशंक ने ‘शिक्षा संवाद : भारत को एक वैश्विक सुपरपावर बनाने की दृष्टि’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, ‘‘ हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिये समितियों का गठन कर रहे हैं । हमें इसे समय सीमा में लागू करना है। इसके लिये राज्यों के साथ पूरा समन्वय किया जायेगा । ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम लगातार शिक्षाविदों, विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं । हम उनसे बिन्दुवार सुझाव मांग रहे हैं कि इसे किस तरह से लागू किया जा सकता है।इसके लिये गंभीर प्रयास शुरू हो गए हैं । ’’

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