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Hindi News एजुकेशन "साल में दो बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना जरूरी नहीं होगा", धर्मेंद्र प्रधान का बड़ा बयान

"साल में दो बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना जरूरी नहीं होगा", धर्मेंद्र प्रधान का बड़ा बयान

दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि वर्ष में दो बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य नहीं होगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान- India TV Hindi Image Source : FILE केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। क्लास 10 और 12 के बोर्ड एग्जाम को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बड़ा बयान सामने आया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि,'साल में दो बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना जरूरी नहीं होगा।' उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगा और इसका मुख्य उद्देश्य एकल अवसर के डर से होने वाले उनके तनाव को कम करना है।

'सीएबीई को भी फिर से तैयार करने की जरूरत'
प्रधान ने कहा, "केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीई) का पुनर्गठन किया जा रहा है क्योंकि इसका पुराना संस्करण बहुत व्यापक है और आज की शिक्षा प्रणाली की मांगें अलग हैं। ऐसे समय में जब हम एनईपी के साथ एक आदर्श बदलाव कर रहे हैं, सीएबीई को भी फिर से तैयार करने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "एनईपी के कार्यान्वयन पर कुछ राज्यों द्वारा उठाई गई आपत्तियां राजनीतिक हैं, अकादमिक नहीं। मैं अब तक नहीं समझ पा रहा हूं कि उन्हें किस बात पर आपत्ति है, पश्चिम बंगाल का वैकल्पिक दस्तावेज़ एनईपी के समान 99 प्रतिशत है"

'छात्रों को तनाव मुक्त रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी'
कोटा में छात्र आत्महत्या की घटनाओं पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि किसी की भी कीमती जान नहीं जानी चाहिए, "वे हमारे बच्चे हैं। छात्रों को तनाव मुक्त रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।"

'हम एक आदर्श बदलाव करने जा रहे हैं'
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए भारत में कैंपस स्थापित करने के दिशानिर्देशों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है और जल्द ही इसे अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम एक आदर्श बदलाव करने जा रहे हैं, इसलिए हम सभी संभावनाओं को तलाशने और सभी संदेहों को दूर करने के बाद आगे बढ़ेंगे। उन्हों आगे कहा, "दो आईआईटी पहले से ही विदेश में अपने कैंपस स्थापित करने के प्रगतिशील चरण में हैं। रुचि व्यक्त करने वाले कई देशों के साथ बातचीत चल रही है, विदेश मंत्रालय इसका समन्वय कर रहा है।"

 

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