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Hindi News एजुकेशन परीक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा हुई रद्द, प्रधानमंत्री की बैठक के बाद फैसला

12वीं की बोर्ड परीक्षा हुई रद्द, प्रधानमंत्री की बैठक के बाद फैसला

इस साल देश में 12वीं कक्षा की परीक्षा होगी या नहीं होगी? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब 12वीं कक्षा का हर बच्चा, बच्चों के माता पिता, अध्यापक तथा CBSE ICSE तथा राज्यों के शिक्षा बोर्ड के अधिकारी जानना चाहते हैं।

Decision on 12th Class Examination- India TV Hindi Image Source : PMO सभी विकल्पों पर विचार के बाद 12वी कक्षा की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया गया है।

नई दिल्ली। इस साल देश में 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के बाद यह फैसला लिया है। मंगलवार देर शाम तक प्रधानमत्री मोदी की अध्यक्षता में 12वी कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर मंथन किया गया और सभी विकल्पों पर विचार किया गया। बैठक में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा राज्यों के शिक्षा मंत्री और शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों ने भाग लिया। सभी विकल्पों पर विचार के बाद 12वी कक्षा की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया गया है।

आपको बता दें कि अटॉर्नी जनरल ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि सरकार कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने या नहीं करने के बारे में आगामी दो दिन में अंतिम फैसला करेगी।

वहीं कल सुप्रीम कोर्ट में मौजूदा हालात के मद्देनजर भारतीय विद्यालय प्रमाण-पत्र परीक्षा परिषद(सीआईएससीई) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई थी।

अधिकतर राज्यों ने 12वीं बोर्ड परीक्षा अल्पावधि की कराने की वकालत की
सूत्रों से मिली, जानकारी के मुताबिक, अधिकतर राज्यों ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान प्रमुख विषयों के लिए कम अवधि की परीक्षा कराने के विकल्प को चुना है वहीं कुछ राज्यों ने परीक्षा से पहले छात्रों और शिक्षकों के टीकाकरण पर भी जोर दिया है।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच परीक्षाएं कराने और सितंबर में परिणाम घोषित करने का प्रस्ताव रखा है। बोर्ड ने दो विकल्प भी प्रस्तावित किये हैं। इनमें एक में 19 प्रमुख विषयों के लिए अधिसूचित केंद्रों पर नियमित परीक्षाएं कराना या छात्रों के अध्ययन वाले स्कूलों में ही अल्पावधि की परीक्षाएं कराने के विकल्प हैं।

शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें काफी राज्यों से सुझाव और प्रतिक्रियाएं मिली हैं। राज्यों के बीच यह व्यापक आम-सहमति है कि परीक्षाएं कराई जानी चाहिए। जैसा कि पहले मंत्री महोदय ने कहा था कि मिलकर लिये गये फैसले की घोषणा एक जून तक की जाएगी।’’ 

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