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Hindi News एजुकेशन NCERT Syllabus: NCERT ने कक्षा 12वीं के कोर्स से हटाया गुजरात दंगों से संबंधित चैप्टर, जानिए और क्या हटा सिलेबस में

NCERT Syllabus: NCERT ने कक्षा 12वीं के कोर्स से हटाया गुजरात दंगों से संबंधित चैप्टर, जानिए और क्या हटा सिलेबस में

NCERT Syllabus: 12वीं में संशोधित किए गए पाठ्यक्रम से गुजरात दंगों से संबंधित पाठ को हटाने के साथ ही नक्सली आंदोलन का इतिहास और इमरजेंसी विवाद को भी एनसीईआरटी की किताब से हटाने का फैसला लिया गया है।

NCERT Syllabus- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO NCERT Syllabus

NCERT Syllabus: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी NCERT ने अपने कक्षा 12वीं के कोर्स से गुजरात दंगों से संबंधित पाठ को हटा दिया है। इसे हटाने को लेकर NCERT  अपने कई तर्क भी दिए हैं। 12वीं में संशोधित किए गए पाठ्यक्रम से गुजरात दंगों से संबंधित पाठ को हटाने के साथ ही कुछ अन्य बदलाव भी किए गए हैं। इसके तहत गुजरात दंगों के साथ ही नक्सली आंदोलन का इतिहास और इमरजेंसी विवाद को भी एनसीईआरटी की किताब से हटाने का फैसला लिया गया है। 

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी NCERT की ओर से जारी किए गए एक सर्कुलर के अनुसार गुजरात दंगों पर आधारित पाठ को किताब से हटा दिया गया है। गुजरात दंगों पर आधारित पेज संख्या 187-189 को किताब से हटा दिया गया है। इस पाठ में लिखा गया था- '“गुजरात दंगों से पता चलता है कि सरकारी तंत्र भी सांप्रदायिक भावनाओं के प्रति संवेदनशील हो जाता है। यह लोकतांत्रिक राजनीति के लिए खतरा पैदा करता है'। इसके अलावा नक्सली आंदोलन के इतिहास पर किताब में मौजूद पाठ जो पेज नंबर 105 पर था और आपातकाल के दौरान विवाद को लेकर पाठ जो पेज नंबर 113-117 पर था, उसे भी हटा दिया गया है।

इस पाठ में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस बयान को भी शामिल किया गया था, जिसमें उन्होंने गुजरात दंगों के बाद गुजरात प्रवास के दौरान उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पालन करने की सलाह दी थी। 

क्या दिया तर्क

एनसीईआरटी ने अपने सर्कुलर में कहा कि चूंकि ये विषय अन्य सिलेबस में भी शामिल हैं, जिससे यह पाठ ओवरलैप हो रहा था। जो अप्रासंगिक है। साथ ही एनसीईआरटी ने यह तर्क दिया कि कोरोना महामारी के बीच बच्चों पर पढ़ाई का बोझा अतिरिक्त न आए, यह बोझ कम करना जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का हवाला देते हुए एनसीईआरटी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी इसी बात पर जोर देती है। इसलिए एनसीईआरटी ने सभी किताबों को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया है।

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