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RPSC पेपरलीक मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, आरोपियों की संपत्ति की गई कुर्क

RPSC पेपर लीक मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। जांच एजेंसी ने आरोपियों की संपत्तियां कुर्क कर दी हैं।

RPSC, Paper leak- India TV Hindi Image Source : FILE RPSC पेपरलीक मामले में आरोपियों की संपत्तियां की गई कुर्क

RPSC पेपर लीक मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। बता दें कि RPSC पेपर लीक मामले में आरोपियों की संपत्तियां अटैच की गई हैं।  जानकारी के लिए बता दें कि अटैच की गईं संपत्तियां RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा, सुरेश कुमार, सुरेश विश्नोई, सुरेश ढाका, भूपेंद्र सारण की हैं। सूत्रों की मानें तो पेपर लीक मामले में आरोपी बाबूलाल कटारा को जल्द ED गिरफ्तार कर सकती है। ईडी ने सोमवार को जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के एक पूर्व सदस्य और कुछ कथित एजेंटों की 3 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति राज्य के एक शिक्षक भर्ती "घोटाले" में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के हिस्से के रूप में कुर्क की गई है।

3 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति

जांच एंजेंसी ने बयान में कहा कि बाबूलाल कटारा (पूर्व सदस्य आरपीएससी), सुरेश कुमार उर्फ ​​सुरेश बिश्नोई, सुरेश ढाका, भूपेन्द्र सारण, अनिल मीना उर्फ शेर सिंह मीना और अन्य की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए 18 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया है। कुर्क की गई संपत्ति का कुल मूल्य 3.11 करोड़ रुपये है। एजेंसी ने हर आरोपी की संपत्ति का विशिष्ट मूल्य निर्दिष्ट नहीं किया है। जांच सीनियर टीचर ग्रेड-2 भर्ती, 2022 के सामान्य ज्ञान विषय के प्रश्न पत्र के कथित लीक से संबंधित है, जो कि आरपीएससी द्वारा उस वर्ष 21, 22 और 24 दिसंबर को राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जानी थी।

लिए थे उम्मीदवार से 8-10 लाख रुपये

ईडी ने कहा कि कटारा ने "उक्त प्रश्नपत्र को लीक किया और इसे अनिल मीना उर्फ शेर सिंह मीना को बेच दिया, जिसने आगे उन्हें भूपेन्द्र सरन, सुरेश ढाका और अन्य एजेंटों को आपूर्ति की।" इसमें आरोप लगाया गया, ''लीक हुआ पेपर अभ्यर्थियों को प्रति उम्मीदवार 8-10 लाख रुपये में उपलब्ध कराया गया था।''

150 उम्मीदवारों से ज्यादा लोग

ईडी ने कहा कि उक्त लीक पेपर उदयपुर में लगभग 150 उम्मीदवारों और राज्य की राजधानी जयपुर में 30 उम्मीदवारों को प्रदान किया गया था। एजेंसी ने कहा कि आरोपी लोग "पेपर लीक रैकेट और प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी उम्मीदवारों की नियुक्ति" जैसे विभिन्न कदाचार में शामिल थे। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला राजस्थान पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से उपजा है। इस मामले की जांच में राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने कटारा और अन्य को गिरफ्तार किया था।

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