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कर्नाटक चुनाव: बीजेपी MLA बोपैया को विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष बनाये जाने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

पार्टी ने कहा कि यह जिम्मेदारी सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को दिए जाने की परंपरा रही है और कर्नाटक में भी इसी का पालन होना चाहिए।

<p>कांग्रेस प्रवक्ता...- India TV Hindi कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने कर्नाटक में शक्ति परीक्षण से पहले राज्यपाल द्वारा भाजपा विधायक केजी बोपैया को विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सब 'जालसाजी' करके बहुमत साबित करने के लिए किया गया है और इस फैसले को अदालत में आज ही चुनौती दी जाएगी। 
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि हम बोपैया को विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष बनाये जाने के खिलाफ 'सकारात्मक रूप से' अदालत का रुख करेंगे और आज ही करेंगे। 

उन्होंने कहा कि जहां 'प्रजातंत्र का एनकाउंटर' किया जा रहा है वहां अस्थायी अध्यक्ष का मामला और महत्वपूर्ण हो जाता है। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कहने पर तीसरी बार 'संविधान का एनकाउंटर' कर दिया। 

उन्होंने कहा कि 'दागी' बोपैया जी वही हैं जिन्होंने 2010 में येदियुरप्पा की सरकार बचाने के लिए संविधान की धज्जियां उड़ा दी थीं। उच्चतम न्यायालय ने उनके आदेश को खारिज कर दिया था। दरअसल, बोपैया ने 2010 में कई विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी, हालांकि बाद में शीर्ष अदालत ने उनके फैसले को रद्द कर दिया था। सुरजेवाला के मुताबिक न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि बोपैया ने संवैधानिक नियमों का उल्लंघन किया ताकि येदियुरप्पा की सरकार बचायी जा सके।

उसी तरह के हालात आज फिर हैं और बोपैया को फिर से येदियुरप्पा को बचाने के लिए नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि यह साबित होता है कि भाजपा के पास बहुमत नहीं है इसलिए जालसाजी करके बहुमत हासिल करना चाहती हैं।सुरजेवाला ने कहा कि यह जिम्मेदारी सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को दिए जाने की संवैधानिक परंपरा रही है और कर्नाटक में भी इसी का पालन होना चाहिए। 

इससे पहले कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि संसद और विधानसभाओं के अस्थायी अध्यक्ष को लेकर यह परंपरा रही है कि सबसे वरिष्ठ सदस्य इस भूमिका को निभाता है। उसका काम सिर्फ खुद शपथ लेना और फिर दूसरों को शपथ दिलाना है। इसके बाद सीधे विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होती है। कांग्रेस नहीं चाहती कि यह परंपरा टूटे। कांग्रेस का कहना है कि उसके विधायक आरवी देशपांडे को यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए थी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को शनिवार को बहुमत सिद्ध करना है । इसको देखते हुए राज्यपाल ने नवगठित विधानसभा के संचालन हेतु अस्थायी (प्रोटेम) अध्यक्ष के लिए भाजपा विधायक केजी बोपैया को नियुक्त किया है।