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Hindi News चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव 2019 पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहें तेजबहादुर यादव का नामांकन हो सकता है रद्द, चुनाव आयोग ने नोटिस जारी करते हुए मांगी एनओसी

पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहें तेजबहादुर यादव का नामांकन हो सकता है रद्द, चुनाव आयोग ने नोटिस जारी करते हुए मांगी एनओसी

समाजवादी पार्टी (सपा) से पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव नामांकन खारिज हो सकता है।

Election Commission send notice to Tej Bahadur Yadav- India TV Hindi Election Commission send notice to Tej Bahadur Yadav

उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी (सपा) से पीएम मोदी के खिलाफ नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव नामांकन खारिज हो सकता है। नामांकन पत्र की जांच करते हुए निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी करते हुए तेज बहादुर से एक अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा है। आयोग द्वारा जारी किए गए नोटिस में तेज बहादुर से बीएसएफ से एक अनापत्ति प्रमाण पत्र लाने को कहा गया है जिसमें जिसमें यह स्पष्ट हो कि उन्हें नौकरी से किस वजह से बर्खास्त किया गया। तेजबहादुर यादव को इस प्रमाण पत्र को जमा करने के लिए बुधवार तक का समय दिया गया है। 

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव को वाराणसी संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार घोषित किया है। तेजबहादुर पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। सपा ने पहले इस सीट पर शालिनी यादव को टिकट दिया था। लेकिन नामांकन के आखिरी दिन पार्टी ने तेज बहादुर को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।

गौरतलब है कि नौ जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल सर्दियों में गरमा दिया था। यादव ने कुछ विडियो पोस्ट किए थे, जिनमें सिर्फ हल्दी और नमक वाली दाल और साथ में जली हुई रोटियां दिखाते हुए खाने की गुणवत्ता पर उन्होंने सवाल उठाए थे। वीडियो में उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा समेत कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है।

वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले पर विस्तृत रपट मांगी थी। इस बीच तेजबहादुर ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। बल्कि उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वह बीएसएफ नहीं छोड़ सकते। इसके विरोध में तेज बहादुर राजौरी स्थित मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। 19 अप्रैल को तेज बहादुर को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया। उन पर सीमा सुरक्षा बल का अनुशासन तोड़ने को लेकर जांच की गई थी।

बर्खास्त किए जाने के बाद तेजबहादुर ने फौजी एकता न्याय कल्याण मंच नामक एक एनजीओ बनाया, और अब वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। वाराणसी में अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है, और मतों की गिनती 23 मई को होगी।