A
Hindi News चुनाव 2024 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 कमलनाथ या ज्योतिरादित्य सिंधिया, कौन होगा मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री?

कमलनाथ या ज्योतिरादित्य सिंधिया, कौन होगा मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री?

मध्य प्रदेश के चुनाव में ग्वालियर के सिंधिया राजघराने की अहमियत भी कम नहीं है। ज्योतिरादित्य सिंधिया उसी राजघराने का वो चिराग हैं, जो 2014 में मोदी के तूफान में भी कांग्रेस को रोशन करते रहे।

इंदिरा गांधी का ‘तीसरा बेटा’ या ज्योतिरादित्य सिंधिया, कौन होगा मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री?- India TV Hindi इंदिरा गांधी का ‘तीसरा बेटा’ या ज्योतिरादित्य सिंधिया, कौन होगा मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री?

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है लेकिन चुनावी बिसात पर फतह हासिल करने के बाद अब कांग्रेस के सामने चुनौती उस चेहरे को चुनने की है जो सूबे में सरकार की नुमाइंदगी करेगा, यानी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। इसके लिए दो नाम चर्चा में है। पहला कमलनाथ और दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया। चुनाव में इन दोनों चेहरों ने कांग्रेस के लिए बीजेपी के हर वार का जवाब दिया। फिर चाहे वो निजी हमला हो या फिर सियासी हमला। बीजेपी के वादों को दोनों ने मिलकर ये साबित कर दिया कि बीजेपी का वादा सपनों का वादा है इसलिए सत्ता की दहलीज पर हमें खड़ा कीजिए।

Jyotiraditya Scindia or Kamal Nath, who will get the CM throne in MP?

फिलहाल कमलनाथ एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और संगठन क्षमता में माहिर माने जाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उन्हें अपना तीसरा बेटा मानती थीं जिन्होंने 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार से मुकाबले में मदद की थी। 72 वर्षीय कमलनाथ ने अब विधानसभा चुनाव में भी दमदार भूमिका निभायी है। जनता के बीच ‘मामा’ के रूप में अपनी अच्छी छवि बना चुके एवं मध्य प्रदेश में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली बीजेपी नीत सरकार को चौथी बार लगातार सत्ता में आने से रोकने के लिए उन्होंने कड़ी टक्कर दी। 

छिन्दवाड़ा के पत्रकार सुनील श्रीवास्तव ने इंदिरा गांधी की चुनावी सभा कवर की थी। उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट के प्रत्याशी कमलनाथ के लिए चुनाव प्रचार करने आई थीं। इंदिरा ने तब मतदाताओं को चुनावी सभा में कहा था कि कमलनाथ उनके तीसरे बेटे हैं। कृपया उन्हें वोट दीजिए।

मध्य प्रदेश के चुनाव में ग्वालियर के सिंधिया राजघराने की अहमियत भी कम नहीं है। ज्योतिरादित्य सिंधिया उसी राजघराने का वो चिराग हैं, जो 2014 में मोदी के तूफान में भी कांग्रेस को रोशन करते रहे। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस की युवा ब्रिगेड का हिस्सा हैं और राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं। अपने इलाके में अब भी मजबूत पकड़ रखते हैं। एमपी चुनाव प्रचार की कमान ज्योतिरादित्य के हाथों में ही थी।

कांग्रेस की ये जीत बहुत बड़ी है लेकिन इस जीत में कांग्रेस की परीक्षा भी छिपी है। इम्तिहान ये है कि वो इस जीत का असली खिलाड़ी किसे मानती है। आलाकमान के लिए ये तय करना मुश्किल है, वो इन दोनों में से किस चेहरे से नजरें मिलाती है और किस चेहरे से नजरें फेरती है।