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Mizoram Election Results 2018: दस साल बाद MNF फिर सत्ता में, पूर्वोत्तर में कांग्रेस का एकमात्र गढ़ भी ढहा

मिजोरम के 1987 में पूर्ण राज्य बनने के बाद कोई भी दल लगातार तीन बार प्रदेश में सरकार नहीं बना सका है। लल थनहवला ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था और उन्हें दोनों ही सीटों पर शिकस्त का सामना करना पड़ा।

<p>Mizo National Front (MNF) workers hold their party flag...- India TV Hindi Mizo National Front (MNF) workers hold their party flag as they celebrate the party's victory in the states Assembly elections, at Party head office, in Aizawl

आइजोल: मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) ने मंगलवार को विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज करते हुए प्रदेश में कांग्रेस के 10 साल के शासन का अंत किया। एमएनएफ ने 40 सदस्यीय विधानसभा में 26 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह 2013 के मुकाबले 21 सीट ज्यादा है। कांग्रेस को महज पांच सीटों पर संतोष करना पड़ा जबकि 2013 के चुनावों में उसके खाते में 34 सीटें आई थीं।

मिजोरम के 1987 में पूर्ण राज्य बनने के बाद कोई भी दल लगातार तीन बार प्रदेश में सरकार नहीं बना सका है। लल थनहवला ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था और उन्हें दोनों ही सीटों पर शिकस्त का सामना करना पड़ा। थनहवला ने सेरसिप और चंपाई दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।

उल्लेखनीय है कि एक वक्त भूमिगत संगठन रहे एमएनएफ ने 1986 में केंद्र सरकार के साथ मिजो समझौते पर हस्ताक्षर किया था और उसके नेता लालडेंगा मुख्यमंत्री बने थे। पूर्व में भूमिगत रहे जोरामथंगा एमएनएफ का नेतृत्व कर रहे हैं और उन्होंने 1998 और 2003 में विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी। फिलहाल वह भाजपा द्वारा बनाए गए नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस का घटक है। एमएनएफ को 37.6 फीसदी वोट मिले जबकि कांग्रेस पर 30.2 फीसदी मतदाताओं ने भरोसा जताया।

ईसाई बहुल इस राज्य में भाजपा ने अपना खाता खोल दिया है और पार्टी उम्मीदवार व पूर्व मंत्री बुद्ध धन चकमा ने चकमा बहुल दक्षिण मिजोरम की लावंगतलाई जिले के तुईचवांग सीट से जीत दर्ज की। चकमा ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। चुनावों में 39 उम्मीदवार उतारने वाली भाजपा को आठ फीसदी मत हासिल हुए। मुख्यमंत्री लल थनहवला ने शाम को राज्यपाल के राजशेखरन से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। एमएनएफ ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों के साथ एक बैठक की जिसमें जोरामथंगा को सर्वसम्मति से पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया।

दो राजनीतिक दलों- जोराम नेशनलिस्ट पार्टी (जेडएनपी) और मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (एमपीसी) के गठजोड़ जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने आठ सीटों पर जीत हासिल की। जेडपीएम का प्रदर्शन इस लिहाज से सराहनीय है कि उसे 22.9 फीसदी मत हासिल हुए हैं।

मिजोरम विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हिफेई ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा उम्मीदवार के तौर पर पलक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। कांग्रेस छोड़ एमएनएफ में गए मिजोरम के पूर्व गृह मंत्री आर ललजीरलियाना ने तवी सीट से चुनाव जीत लिया है। एमएनएफ के एफ ललनूनमवाई ने प्रदेश के कृषि मंत्री के एस थंगा को आइजोल दक्षिण-3 सीट से 2037 मतों के अंतर से हराया।