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हरियाणा में चुनाव वास्तविक बनाम लोकलुभावन वादों के बीच

किसानों, मजदूरों, युवाओं और उद्योगपतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भगवा पार्टी के घोषणा पत्र में किसानों को तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त फसली ऋण देने का वादा किया गया है। 

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चंडीगढ़। हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव वास्तविक बनाम लोकलुभावन वादों के बीच है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। मोदी लहर के साथ भाजपा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का मानना है कि वह इस बार अपने विधायकों की संख्या 47 से आगे ले जाएंगे और 75 सीटों से अधिक हासिल करेंगे। जबकि दो बार सूबे के मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और विकास की कमी का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस को सत्ता पर काबिज करना चाह रहे हैं।

अन्य विपक्षी दल भी चुनावी मैदान में हैं, जिनमें इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो), जननायक जनता पार्टी (जजपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), स्वराज इंडिया और आम आदमी पार्टी (आप) शामिल हैं। चुनावी वादों की बात करें तो भाजपा ने महिलाओं के लिए नौकरी में आरक्षण और कृषि ऋण माफ करने जैसा कोई वादा नहीं किया है। इसके 25 पृष्ठों वाले संकल्प पत्र का शीर्षक 'म्हारे सपने का हरियाणा' प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के लोकलुभावन घोषणा पत्र की तुलना में अधिक यथार्थवादी और व्यावहारिक है।

किसानों, मजदूरों, युवाओं और उद्योगपतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भगवा पार्टी के घोषणा पत्र में किसानों को तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त फसली ऋण देने का वादा किया गया है। भाजपा ने अनुसूचित जाति के लोगों को तीन लाख रुपये तक का ऋण देने का भी वादा किया है और उन परिवारों की दो लड़कियों को मुफ्त शिक्षा देने की बात कही गई है। यह सुविधा उन परिवारों को मिलेगी, जिनकी कुल वार्षिक आय 1.8 लाख रुपये से कम है।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में युवाओं, किसानों और महिलाओं को लुभाने की कोशिश कर रही है। इसने सभी बेरोजगार स्नातकोत्तरों को 10 हजार रुपये, जबकि बेरोजगार स्नातकों को सात हजार रुपये प्रति माह का भत्ता देने का वादा किया है। इसके अलावा कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी और पंचायती राज संस्थाओं में, नगर निगमों और नगर परिषदों में 50 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया है।

कांग्रेस ने सत्ता में आने के 24 घंटों के अंदर किसानों का ऋण माफ करने की बात भी कही है। इसका लाभ भूमिहीन किसानों को भी प्रदान किया जाएगा। खट्टर ने कांग्रेस के घोषणा पत्र में महिलाओं के आरक्षण व किसानों की कर्जमाफी को जमीनी हकीकत से दूर मानते हुए कहा है कि यह वादा पूरा करने के लिए एक लाख 26 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

उन्होंने मीडिया से कहा, "यह बिना बजट के प्रावधानों के साथ पूरी तरह से अवास्तविक है। हमारे घोषणा पत्र में 32 हजार करोड़ रुपये के बजट आवंटन की जरूरत है, जिसे आसानी से पूरा किया जा सकता है।"

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों को उनकी उपज के बेहतर दाम के रूप में लाभ देगी। भाजपा के घोषणा पत्र में कर्जमाफी का कोई वादा नहीं किया गया है, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को हुए नुकसान की भरपाई करने का वादा किया गया है।

खट्टर का मानना है कि घोषणापत्र राम राज्य बनाने के सिद्धांतों के अनुरूप है, जिसमें भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शिता के साथ ईमानदारी की बात कही गई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का हालांकि कहना है कि बेरोजगारी, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, बढ़ते कर्ज और फसल की कम कीमतें खट्टर के लगातार दूसरे कार्यकाल के बीच बड़ी बाधाएं हैं। राज्य में 21 अक्टूबर को मतदान होंगे और परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।