A
Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज कर्नाटक विधानसभा चुनाव: बगावत के दौर के बीच BJP के लिए आई ये अच्छी खबर

कर्नाटक विधानसभा चुनाव: बगावत के दौर के बीच BJP के लिए आई ये अच्छी खबर

दक्षिण कन्नड़ जिले के निर्वाचन क्षेत्र से 6 बार के विधायक अंगारा ने सुलिया में कहा कि वह पार्टी प्रत्याशी मुरुल्या के लिए प्रचार करेंगे।

Karnataka Elections, Karnataka Assembly Elections, Angara BJP, Angara Karnataka- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE कर्नाटक से बीजेपी के लिए एक राहत भरी खबर आई है।

मेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए टिकटों का ऐलान करने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी में असंतुष्ट नेताओं की लिस्ट लंबी होती जा रही है। पार्टी के कई कद्दावर नेताओं ने अपनी अलग राह अपनाने की घोषणा कर दी है। बगावतों के इस दौर के बीच बीजेपी के लिए एक अच्छी खबर आई है। कर्नाटक के मत्स्य मंत्री एस. अंगारा राजनीति छोड़ने की घोषणा संबंधी अपने बयान से पलट गए हैं और कहा है कि वह पार्टी उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे। 

‘पार्टी प्रत्याशी मुरुल्या के लिए प्रचार करूंगा’
अंगारा ने शुक्रवार को कहा कि वह बीजेपी उम्मीदवार भागीरथी मुरुल्या के लिए प्रचार करेंगे। इससे पहले उन्होंने सुलिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिकट से इनकार किए जाने के बाद राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी। दक्षिण कन्नड़ जिले के निर्वाचन क्षेत्र से 6 बार के विधायक अंगारा ने सुलिया में कहा कि वह पार्टी प्रत्याशी मुरुल्या के लिए प्रचार करेंगे। अंगारा ने कहा कि उन्होंने अपना विचार बदल दिया है और इतने वर्षों में उन्हें दिए गए अवसरों के लिए वह पार्टी के आभारी हैं। उनके इस फैसले से बीजेपी ने निश्चित तौर पर राहत की सांस ली होगी।

बीजेपी के कई विधायकों ने छोड़ दी पार्टी
अंगारा ने कहा, ‘मुझे सुलिया निर्वाचन क्षेत्र से कई बार चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया था। मैं अपने राजनीतिक जीवन में न तो किसी भ्रष्टाचार में लिप्त रहा हूं और न ही किसी के साथ भेदभाव किया है।’ बता दें कि टिकट न मिलने की वजह से मुडीगेरे से विधायक एमपी कुमारस्वामी, होसदुर्गा से विधायक गुलीहट्टी शेखर, हावेरी से विधायक नेहरू ओलेकर और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने BJP से अपनी राहें अलग कर लीं। ऐसे में बीजेपी के सामने अपने असंतुष्टों को मनाने, और पार्टी छोड़कर जाने वाले लोगों के चलते हुए नुकसान की भरपाई करने की चुनौती है।