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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड आमिर खान ने बताया कैसे आएगा बदलाव!

आमिर खान ने बताया कैसे आएगा बदलाव!

"बतौर युवा, जो भी मेरे इर्द गिर्द होता था मैं उसे लेकर सामाजिक रूप से जागरूक था। मैंने हमेशा से अच्छे सामाजिक कामों में हिस्सा लिया है।"- आमिर खान

<p>आमिर खान</p>- India TV Hindi Image Source : PTI आमिर खान

मुंबई: बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान को आशा है कि लोग अपने सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर सकारात्मक बदलाव के लिए रास्ते तलाशेंगे। अपने एनजीओ पानी फाउंडेशन के माध्यम से महाराष्ट्र को सूखा-मुक्त राज्य बनाने की ओर अग्रसर आमिर का मानना है कि यह प्रक्रिया एक तरह से मानवता का जश्न है।

एनजीओ के सामने आने वाली चुनौतियों में ग्रामीणों तक पहुंच बनाना सबसे बड़ी समस्या है, जिसके बारे में आमिर ने शनिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हमें पता है कि हमारे रास्ते में बहुत-सी समस्याएं आएंगी, इसलिए हमने इन बाधाओं से पार पाने के लिए पूरे कार्यक्रम को उस तरीके से ही तैयार किया है। लोगों को एक काम के लिए साथ लाना एक सबसे बड़ी चुनौती है।"

उन्होंने कहा, "देखिए हमारा समाज कई स्तरों पर बंटा हुआ है। प्रत्येक गांव में विभिन्न राजनीतिक दल हैं और गांवों में जाति व्यवस्था बहुत मजबूत है। यहां जमींदार, श्रमिक विभिन्न आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं। सभी को मनाना कि कैसे जल सरंक्षण प्रबंधन वास्तव में हमारी मदद कर सकता है, यह अपने आप में मुश्किल काम है। लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि इस मुद्दे से पार पाने के लिए ग्रामीण एक-दूसरे की मदद करते हैं।"

आमिर ने कहा, "जब वह जल संरक्षण प्रबंधन प्रणाली के निर्माण के लिए साथ आएंगे तो उनके बीच एक मानवीय पहलू का विकास होगा। यह एक अलग तरह का भावनात्मक जुड़ाव है। और भविष्य में अगर कोई समस्या आती है तो वह उसका सामना करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित होंगे।"

तीन तालुका से शुरुआत करने वाला पानी फाउंडेशन अब अपने कार्य को 75 तालुका तक फैला चुका है और आमिर के मुताबिक इस कार्य में महिलाएं एक सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

आमिर ने एक उदाहरण देते हुए कहा, "महिलाएं श्रमदान में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। शुरुआत में गांव के पुरुष थोड़े आलसी और गतिविधियों में भागीदारी को लेकर उदासीन थे। इसलिए एक महिला समूह अपना पूरा दिन श्रमदान करने के बाद घर वापस नहीं गया और उन्होंने अपनी पूरी रात एक मंदिर में बिताई।"

उन्होंने कहा, "उन्होंने अपने पतियों को बताया कि जब तक वे गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेंगे, वे वापस घर नहीं जाएंगी। हमारे लिए यह अचरज की बात थी कि 24 घंटे के भीतर उन घरों के सभी पुरुष श्रमदान के लिए राजी हो गए। मुझे लगता है कि यह भी एक तरीका है इस सामाजिक मुद्दे को हल करने का।" जब उनसे पूछा गया कि बतौर युवा आप भी सामाजिक रूप से सक्रिय थे तो उन्होंने कहा, "हां।"

उन्होंने कहा, "बतौर युवा, जो भी मेरे इर्द गिर्द होता था मैं उसे लेकर सामाजिक रूप से जागरूक था। मैंने हमेशा से अच्छे सामाजिक कामों में हिस्सा लिया है।"

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