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'इंदु सरकार' का किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं, भारत से ताल्लुक: मधुर भंडारकर

साल 1975 के आपातकाल की पृष्ठभूमि पर बनी मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदु सरकार' लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को रिलीज की अनुमति मिलने से पहले इसे देखने की मांग की थी।

indu sarkar- India TV Hindi Image Source : PTI indu sarkar

मुंबई: साल 1975 के आपातकाल की पृष्ठभूमि पर बनी मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदु सरकार' लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को रिलीज की अनुमति मिलने से पहले इसे देखने की मांग की थी।

हालांकि, फिल्म से जुड़े विवाद को लेकर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार का कहना है कि उनका एजेंडा किसी राजनीतिक विचारधारा का प्रचार करने का नहीं है और वह किसी भी राजनीतिक दल को अपनी फिल्म नहीं दिखाएंगे।

भंडारकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महान नेता के रूप में समर्थन देने का मतलब यह नहीं है कि वह भाजपा के समर्थन में हैं या कांग्रेस विरोधी हैं।

भंडारकर ने आईएएनएस को बताया, "मेरी फिल्म देश से वास्ता रखती है, न कि किसी राजनीतिक दल से। हमारे जैसे लोग..कलाकार, फिल्मकार या कोई और रचनात्मक शख्स को हमारे काम की बदौलत देश के नागरिकों द्वारा सराहा जाता है। मैं अपनी बात खुद रख सकता हूं..मेरा एजेंडा किसी विशेष राजनीतिक विचारधारा का प्रचार करना नहीं है, इसके बजाय फिल्म आपातकाल पर दो अलग-अलग विचारधारों के संघर्ष को दिखा रही है।"

उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह मोदी का समर्थन करते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि वह उस राजनीतिक दल की विचारधारा का प्रचार करे, जिसका वह (मोदी) प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्होंने कहा कि वह बस इतना कहने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके दोस्त और शुभचिंतक कांग्रेस, शिवसेना और भाजपा में हैं और वह इन दलों के कार्यक्रमों में शामिल भी हुए हैं।

भंडारकर ने कहा कि वह निजी तौर पर मोदी और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का सम्मान करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह भाजपा के समर्थक और कांग्रेस विरोधी या कांग्रेस के समर्थक और भाजपा विरोधी हैं।

फिल्म 'इंदु सरकार' भारत में 25 जून 1975 को दिवंगत तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल पर आधारित है। फिल्म के किरदार दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी से प्रेरित हैं। आपातकाल 21 मार्च 1977 तक लगा रहा।

फिल्म के ट्रेलर में अभिनेत्री कीर्ति कुलहरी एक ऐसी महिला के किरदार में नजर आ रही हैं जो अपने पति (तोता रॉय चौधरी) के खिलाफ विद्रोह करती है और राजनीतिक कार्यकर्ता बनकर एक राजनेता (नील नीतिन मुकेश जो संजय गांधी के किरदार में हैं) की ज्यादती का विरोध करती है। सुप्रिया विनोद का किरदार इंदिरा गांधी से प्रेरित है।

भंडारकर से जब पूछा गया कि क्या उन्होंेने फिल्म को राजनीतिक दलों से ऐसी प्रतिक्रियाएं मिलने की कल्पना की थी तो उन्होंने कहा कि ऐसा उन्होंने बिल्कुल नहीं सोचा था। आपातकाल पर किताबें लिखी गई हैं, डॉक्युमेंट्री बनाई गई हैं, जिसमें किसी शख्स की निजी राय भी दिखाई गई है, लेकिन पता नहीं क्यों सिर्फ फिल्म को ही निशाना बनाया जा रहा है।

एक कांग्रेस नेता ने यह घोषणा की है कि फिल्मकार के चेहरे पर कालिख पोतने वाले को वह ईनाम देंगे।

भंडारकर ने फिल्म की कहानी के बारे में कहा कि यह एक कवयित्री की कहानी है जो आपातकाल का विरोध करती है, जबकि उसका पति आपातकाल के समर्थन में है। इसमें एक ही घर में दो अलग-अलग विचारधारा वाली जोड़ी के रिश्तों के अलग-अलग सफर को दिखाया गया है।

फिल्म 'इंदु सरकार' 28 जुलाई को रिलीज हो रही है।

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