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Movie Review: ‘सचिन: अ बिलियन ड्रीम्स’ के ‘मैन ऑफ द मैच’ हैं तेंडुलकर

सचिन तेंडुलकर- एक ऐसा नाम जिससे लोगों के इमोशन जुड़े हुए हैं। तभी कहा जाता है सचिन तेंडुलकर सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं है एक भावना हैं, जो लोगों के दिलों में बसती है।

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फिल्म समीक्षा: सचिन तेंडुलकर- एक ऐसा नाम जिससे लोगों के इमोशन जुड़े हुए हैं। तभी कहा जाता है सचिन सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं है एक भावना हैं, जो लोगों के दिलों में बसती है। भले ही आज सचिन मैदान में खेलने नहीं उतरते हैं, लेकिन जिन्होंने भी सचिन को खेलते देखा है, उनके लिए ‘सचिन: अ बिलियन ड्रीम्स’ किसी तोहफे से कम नहीं है।

इस फिल्म की तुलना ‘एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ या ‘अजहर’ या फिर ‘भाग मिल्खा भाग’ से करना बेमानी होगा। क्योंकि यह कोई फीचर फिल्म नहीं बल्कि एक डॉक्यू-ड्रामा है। खुद सचिन इस फिल्म के सूत्रधार हैं, जो पूरी कहानी सुनाते हैं।

सचिन का बचपन दिखाने के लिए नाट्य रूपांतरण का सहारा लिया गया है। बाकी पूरी फिल्म सचिन के पुराने फुटेज, इंटरव्यू या घर में बनाए गए वीडियो से तैयार की गई है। फिल्म में कई सीनियर प्लेयर जैसे, वीरेंद्र सहवाग, रवि शास्त्री, रिकी पोंटिंग, शेन वॉर्न, युवराज सिंह, विराट कोहली, हरभजन सिंह और पाकिस्तानी प्लेयर वसीम अकरम सचिन से जुड़ी बातें साझा करते दिखाई दे रहे हैं। विदेशी प्लेयर्स ने यह भी बताया है कि कैसे हम सचिन के लिए अपनी तैयारी करते थे और कैसे वो हमारी तैयारियों को मिट्टी में मिला देता था।

Image Source : ptisachin

फिल्म डॉक्यू ड्रामा होते हुए भी कहीं भी आपको बोर नही करेगी, इसमें फीचर फिल्म वाली ही क्वालिटी है। आप सचिन के फैन हों या न हों ये फिल्म आपको इमोशनल कर जाएगी, और आप इस फिल्म को स्टैंडिंग ओवैशन जरूर देंगे।

इस डॉक्यू ड्रामा में सचिन से जुड़े कुछ अनछुए पहलू हैं, जिससे हम और आप पहले अनजान रहे हैं। सचिन को हमने क्रिकेट खेलते, रन बनाते और आउट होते तो देखा है, लेकिन उस वक्त सचिन क्या सोचते थे फिल्म में आपको जानने को मिलेगा। जैसे सचिन आउट होने पर क्या सोचते थे?

इसके अलावा फिल्म में सचिन के परिवार से खासतौर से उनके पिता रमेश तेंडुलकर, उनके भाई अजीत तेंडुलकर उनकी पत्नी अंजलि तेंडुलकर से उनका रिश्ता कैसा है ये आपको करीब से जानने को मिलेगा। सचिन की लाइफ में उनकी पार्टनरशिप जिसने सबसे ज्यादा निभाई है वो हैं उनकी पत्नी अंजलि तेंडुलकर। फिल्म में सचिन के बाद जो सबसे ज्यादा दिखी हैं वो अंजलि ही हैं। सचिन मैच हारते थे तो उनकी पत्नी कैसे उन्हें संभालती थीं, सचिन जब अपने करियर के बुरे दौर से गुजर रहे थे उस वक्त अंजलि ने कैसे उनका साथ दिया, इन सब बातों का जिक्र आपको फिल्म में देखने को मिलेगा। अंजलि ने सचिन के करियर के लिए डॉक्टरी छोड़ दी थी। एक जगह अंजलि कहती भी नजर आती हैं, ‘’हमने इस बात को स्वीकार कर लिया था कि सचिन के लिए सबसे पहले क्रिकेट है फिर हम लोग हैं।‘’

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फिल्म की शुरूआत सचिन के पिता बनने से होती है, और फिर सचिन की जिंदगी में आए उतार-चढ़ाव से गुजरती है। फिल्म में बहुत सारे ऐसे चैप्टर हैं जिन्हें देखकर आपकी यादें ताजा हो जाएंगी। फिल्म में सचिन को कैप्टन-सी मिलने और अचानक कैप्टन-सी छिन जाने और फिर दोबारा कैप्टन बनाए जाने का भी जिक्र है।

मैच के पुराने फुटेज देखकर आप खुद को ताली बजाने से नहीं रोक पाएंगे। फिल्म में राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले, युवराज सिंह और सहवाग को देखकर आपको अच्छा लगेगा। साथ ही सचिन के खेले यादगार मैचों की झलकियां देखकर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा।

फिल्म में कुछ बहुत ही इमोशनल मोमेंट हैं, जैसे 1999, 2003 और 2007 का वर्ल्ड कप हारना, 2011 का वर्ल्डकप जीतना, सचिन की रिटायरमेंट स्पीच और सचिन को भारत रत्न मिलना, ये पल आपको भावुक करेंगे।

फिल्म में आपको महानायक अमिताभ बच्चन, और पीएम नरेंद्र मोदी भी सचिन का जिक्र करते नजर आएंगे। आमिर खान भी फिल्म में नजर आते हैं। फिल्म में सिर्फ सचिन ही नहीं भारत के बदलते माहौल का भी जिक्र है, राजीव गांधी की हत्या से लेकर, कांग्रेस और बीजेपी की सरकार बदलने का भी जिक्र फिल्म में किया गया है।

सचिन: ए बिलियन ड्रीम्‍स' का निर्देशन जेम्‍स अर्सकाइन ने किया है। इसका स्क्रीनप्ले जेम्स अर्सकाइन और शिवकुमार अनंत ने लिखा है। फिल्म का म्यूजिक ए आर रहमान ने दिया है। फिल्म के स्क्रीनप्ले में कुछ खामियां भी हैं लेकिन आप फिल्म को काफी एन्जॉय करेंगे।

इस बात के लिए फिल्म के निर्देशक और सचिन तेंडुलकर की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने फिल्म को फीचर फिल्म न बनाकर डॉक्यू ड्रामा बनाया है ताकी फिल्म की सत्यता पर आंच न आए।

अगर आप क्रिकेट के और सचिन के फैन हैं तो आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए, अगर आप क्रिकेट नहीं भी देखते हैं तब भी आपको यह फिल्म अच्छी लगेगी, क्योंकि भारत देश जहां क्रिकेट किसी भी धर्म से ऊपर हैं और सचिन जिनके लिए भगवान हैं, उस माहौल से सभी वाकिफ हैं तो आपको यह फिल्म देखकर अच्छा लगेगा।

बतौर समीक्षक इस फिल्म को स्टार देना मेरे लिए काफी मुश्किल है, सचिन खुद स्टार हैं उन्हें  स्टार में तौलना आसान नहीं है। लेकिन आपकी सुविधा के लिए इस फिल्म को मैं 4 स्टार दूंगी।

आप जाइए और फिल्म देखिए और सचिन से जुड़ी अपनी सारी यादों को ताजा कीजिए।

Twitter: @JyotiiJaiswal

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