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गुरु दत्त की ‘प्यासा’ का गाना है राष्ट्रगान से प्रेरित

1957 में आई फिल्मकार गुरु दत्त की उत्कृष्ट फिल्म ‘प्यासा’ का गाना ‘जाने वो कैसे लोग थे’, राष्ट्रगान की दूसरी पंक्ति से प्रेरित था। यह बात संगीतकार एस. डी. बर्मन पर लिखी गई एक किताब में कही गई है। फिल्म ‘प्यासा’ को हिंदी सिनेमा का एक कीर्तिमान माना जाता है।

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नई दिल्ली: वर्ष 1957 में आई फिल्मकार गुरु दत्त की उत्कृष्ट फिल्म ‘प्यासा’ का गाना ‘जाने वो कैसे लोग थे’, राष्ट्रगान की दूसरी पंक्ति से प्रेरित था। यह बात संगीतकार एस. डी. बर्मन पर लिखी गई एक किताब में कही गई है। फिल्म ‘प्यासा’ को हिंदी सिनेमा का एक कीर्तिमान माना जाता है। फिर चाहे बात इसकी कहानी की हो जो खारिज किए गए लेकिन प्रतिभाशाली कवि की दास्तां कहती है या फिर इसके संगीत की हो जो गीतकार साहिर लुधियानवी और बर्मन दोनों के सर्वश्रेष्ठ काम को प्रस्तुत करती है।

पुस्तक ‘एस. डी. बर्मन: द प्रिंस- म्यूजीशियन’ में लेखक अनिरुद्ध भट्टाचार्य और बालाजी विट्टल ने लिखा है, “राग बिलावल में संगीतबद्ध “जाने वो कैसे” किसी रुलाने वाले गाने से इतर एक त्रासद गीत के महाकाव्य जैसा है। हिंदी सिनेमा के संगीत जगत में इस गीत का प्रभाव न सिर्फ इसकी गहराई और मार्मिकता के कारण है बल्कि इसके सुरीलेपन की वजह से भी है।” बर्मन ने इस गाने के लिए पियानो की बेहद बारीक धुन दी थी जो बाद में गुरू दत्त की फिल्मों की पहचान बन गई थीं।

किताब में बताया गया, “गीतकार पुलक बंदोपाध्याय के साथ बातचीत के दौरान बर्मन ने बताया था कि ‘ हमने तो जब खुशिया मांगी ’ पंक्ति राष्ट्रगान की दूसरी पंक्ति - ‘ पंजाब सिंधु गुजरात मराठा द्रविड़ उत्कल बंग’ से प्रेरित थी।” हालांकि यह समानता इतनी बारीक है कि बिना बताए इसका पता लगाना बेहद मुश्किल है। यह पुस्तक ट्रैंकबार प्रकाशक ने प्रकाशित की है।

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