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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली दिव्या दत्ता ने बताया- ये साल उनके लिए क्यों है जरूरी?

नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली दिव्या दत्ता ने बताया- ये साल उनके लिए क्यों है जरूरी?

दिव्या कम फिल्मों में ही यश चोपड़ा, श्याम बेनेगल और राकेश ओम प्रकाश मेहरा जैसे फिल्म निर्माताओं के साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त कर चुकी हैं। 

<p>दिव्या दत्ता</p>- India TV Hindi दिव्या दत्ता

मुंबई: हिंदी फिल्म उद्योग में दो दशकों से भी ज्यादा समय से सक्रिय अभिनेत्री दिव्या दत्ता राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के बाद खुद को प्रोत्साहित महसूस कर रही हैं। वर्तमान में लगभग दस फिल्म परियोजनाओं में शामिल दिव्या का कहना है कि बतौर कलाकार यह साल उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दिव्या ने कहा, "हालिया फिल्म 'ब्लैकमेल' में अपने अभिनय के लिए प्रशंसा पाने वाली अभिनेत्री को फिल्म 'इरादा' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है।" दिव्या अपनी आने वाली फिल्मों के लिए बहुत उत्साहित हैं।

उन्होंने कहा, "मैं अनिल कपूर के साथ 'फन्ने खान' कर रही हूं, मैं 'मंटो' में भी काम कर रही हूं। अर्जुन राम पाल के साथ 'नासिक' में काम कर रही हूं, इसके बाद मानव कौल के साथ 'म्यूजिक टीचर' कर रही हूं। अभिनेता अरशद वारसी के साथ एक अनाम फिल्म कर रही हूं। इसके अलावा सितारों से भरी फिल्म 'अभी तो पार्टी शुरू हुई है' तथा नितिन कक्कड़ निर्देशित 'राम सिंह चार्ली' में भी काम कर रही हूं।" उन्होंने आगे कहा, "मैं मलाला यूसुफजई पर आधारित एक फिल्म में केंद्रीय भूमिका निभा रही हूं।"

बतौर अभिनेत्री 1994 में अपना सफर शुरू करने वाली दिव्या को 'वीर जारा', 'आजा नचले', 'वेलकम टू सज्जनपुर', 'दिल्ली 6' और 'भाग मिल्खा भाग' में उनके शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है।

दिव्या इतनी कम फिल्मों में ही यश चोपड़ा, श्याम बेनेगल और राकेश ओम प्रकाश मेहरा जैसे फिल्म निर्माताओं के साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त कर चुकी हैं। दिव्या ने बताया, "मैं डॉक्टरों के परिवार से हूं, मैंने अभिनय का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया। लेकिन मैं हमेशा से अभिनय करना चाहती थी।"

उन्होंने बताया, "जब मैं फिल्मी दुनिया में आई तो मैं आज जैसी नहीं थी। मैं युवा और मासूम थी जो अपने परिवार के बीच पली बढ़ी थी। लेकिन समय के साथ मैं मजबूत हुई।" उनका मानना है कि भारतीय सिनेमा में महिलाओं के प्रभावशाली किरदार हमेशा से होते आए हैं और यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है।

महिला केंद्रित फिल्मों के अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा, "हमारे पास नरगिस जी, मधुबाला, मीना कुमारी जैसे कई उदाहरण हैं जिन्होंने भारतीय सिनेमा में महिला केंद्रित किरदार निभाए हैं।"

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