बाजीराव मस्तानी

Take a look Ranveer Singh, Deepika Padukone and Priyanka Chopra staring Bajirao Mastani movie review.

IndiaTV News Desk Published : Dec 18, 2015 02:24 pm IST, Updated : Dec 18, 2015 06:01 pm IST
मूवी रिव्यू:: Bajirao Mastani
Critics Rating: 3.5 / 5
पर्दे पर: 18, DEC, 2015
कलाकार: प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह
डायरेक्टर: संजय लीला भंसाली
शैली: रोमांचिक एक्शन
संगीत: संचित बल्हारा

नई दिल्ली: मराठा साम्राज्य के योद्धा पेशवा बाजीराव पर बनी पीरियॉडिक फिल्म को दर्शक खूब सराह रहे हैं। रणवीर सिंह बाजीराव के किरदार में खूब जम रहे हैं वहीं दीपिका भी अपने किरदार के साथ पूरा इंसाफ करती हुई नजर आ रही हैं। एक्शन, रोमांस, और बेहतरीन डायलॉगबाजी से सजी फिल्म बाजीराव मस्तानी को एक बेहतर फिल्म कहा जा सकता है। संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी इस फिल्म को बनाने की घोषणा साल 2003 में ही कर दी गई थी, लेकिन तब संजय इस फिल्म में एश्वर्या और सलमान खान को कास्ट करना चाहते थे। कुछ कारणों के चलते बात बन नहीं पाई तो करीब 12 साल बाद संजय ने दीपिका और रणवीर सिंह को इस फिल्म के लिए चुना। चो चलिए आपको बताते है कि आखिरकार ये फिल्म कितनी अच्छी या बुरी है-

क्या है फिल्म की कहानी-

फिल्म ऐतिहासिक कहानी मराठा साम्राज्य के योद्धा पेशवा बाजीराव बल्लाल के जीवन पर आधारित है जो अपने साम्राज्य के साथ निजी जिंदगी पर बहुत ध्यान देते हैं। बाजीराव की इच्छा है कि वह पूरे भारत पर अपना साम्राज्य स्थापित कर सके, हालांकि आधे हिन्दुस्तान पर वो अपना राज कायम कर चुके होते हैं। वहीं इस फिल्म में बाजीराव की बीवी की कहानी भी काफी रोचक है। बाजीराव की शादी काशीबाई (प्रियंका चोपड़ा) से होती है जो अपने पति बाजीराव से बेहद प्यार करती है। युद्ध के दौरान एक बार बाजीराव का बुंदेलखंड के महाराज छत्रसाल की बेटी मस्तानी (दीपिका पादुकोण) से आमना सामना होता है। दोनों को एक-दूसरे से पहली नजर में ही प्यार हो जाता है और जाने अनजाने में इनकी शादी भी हो जाती है। मस्तानी खूबसूरती और वीरता की एक मिसाल है। इनका विवाह कई लोगों जैसे बाजीराव की पहली पत्नी काशीबाई (प्रियंका चोपड़ा), राधाबाई (तनवी आजमी), भियुबाई (अनुजा गोखले) और बाजीराव के भाई चिमाजी अप्पा (वैभव तत्वावदी) को नामंजूर है। इसी कशमकश के साथ कहानी आगे बढ़ती रहती है।

बाजीराव और मस्तानी की शादी में समस्या यह होती है कि बाजीराव हिन्दू हैं और मस्तानी मुस्लिम। इसके बाद फिल्म की कहानी में कई दिलचस्प मोड़ आने लगते हैं। इन दोनों की प्रेम कहानी और इसी के साथ युद्ध के भावनात्मक दृश्य फिल्म के संदेश को उसके अंजाम तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। क्या बाजीराव मस्तानी का ये इश्क दुनिया को गंवारा होगा? क्या इसके अंत में सब ठीक होता दिखेगा? ऐसे ही कई सवालों के जवाब जानने के लिए आपको कम से कम एक बार सिनेमाघरों में जाकर यह फिल्म देखनी होगी।

क्यों देखें फिल्म-

फिल्म में दिखाया गया खूबसूरत भव्य सेट संजय लीला भंसाली की झलक दिखाता है। फिल्म के गानों ने पहले से ही लोगों को दिवाना बना रखा था और बड़े पर्दे पर इन्हें देखना एक अच्छा अनुभव हो सकता है।  इसके अलावा दीपिका और रणवीर सिंह की शानदार कैमेस्ट्री हम पहले भी 'गोलियों की रासलीला राम लीला' में देख चुके हैं इसे भंसाली ने काफी अलग ढंग से इस फिल्म में पेश किया है। इनकी प्रेम कथा यहां दर्शकों के दिलों को छू जाएगी। यह फिल्म कहीं न कहीं प्राचीन इतिहास को हमारे सामने करीने से पिरोती हुई नजर आएगी। आपको बता दें कि संजय लीला भंसाली को यह फिल्म बनाने की तरकीब पुस्तक 'राउ' पढ़ने के बाद आई थी।