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Hindi News Explainers Explainer: क्यों दिल्ली एनसीआर में बार-बार आते हैं भूकंप, कितना संवेदनशील है राजधानी का क्षेत्र? यहां जानें

Explainer: क्यों दिल्ली एनसीआर में बार-बार आते हैं भूकंप, कितना संवेदनशील है राजधानी का क्षेत्र? यहां जानें

भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इस कारण भूकंप आता है।

भूकंप का कारण।- India TV Hindi Image Source : PTI भूकंप का कारण।

मंगलवार को दिल्ली एनसीआर में आए भूकंप ने लोगों के दिलों को दहला दिया है। हर तरफ लोग भूकंप से सुरक्षा के लिए अपने घरों से बाहर भागते हुए दिखाई दिए। 6.2 तीव्रता के इस भूकंप ने लोगों के मन में एक बार फिर से खौफ पैदा कर दिया है। ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल भी हैं। जैसे दिल्ली एनसीआर में हर कुछ दिनों में भूकंप के झटके क्यों लगते हैं। भूकंप के हिसाब से दिल्ली एनसीआर का क्षेत्र कितना संवेदनशील है? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब हमारे इस एक्सप्लेनर के माध्यम से...

Image Source : India Tvभूकंप।

बार-बार आ रहे भूकंप
दिल्ली एनसीआर में भूकंप कोई लंबे समय बाद नहीं आया है। हर 3 से 4 महीने के अंतराल पर क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं। इस कारण भी लोगों के मन में सवाल आते हैं कि यहां भूकंप इतनी बार क्यों आता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली को भूकंप के हिसाब से बेहद ही संवेदनसील इलाकों में से एक माना जाता है। 

Image Source : PTIभूकंप।

क्यों आते हैं भूकंप?
हाल के दिनों में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। दरअसल, हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती के विभिन्न इलाकों में लगातार भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती रहती हैं। भारत का उत्तरी क्षेत्र हिमालय के करीब है। उत्तर भारत से पूर्वोत्तर भारत तक फैले हिमालय क्षेत्र में दो विशाल टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित होने के कारण भारत और नेपाल में भूकंप आते रहते हैं। इस कारण इसके झटके दिल्ली में भी महसूस होते हैं। 

Image Source : PTIदिल्ली एनसीआर में भूकंप।

कितनी संवेदनशील है दिल्ली?
भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी  4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है। 

Image Source : PTIभूकंप।

ऐसे समझें हिसाब
वैज्ञानिकों के मुताबिक, भारत का 59 फीसदी हिस्सा भूकंपीय क्षेत्र में आता है। इनमें जोन-2 में 41 फीसदी क्षेत्र हैं जहां भूकंप की काफी कम संभावना है। जोन-3 में 30 फीसदी भूकंप की संभावना है। जोन-4 में 18 फीसदी और जोन-5 11 फीसदी के साथ सबसे ज्यादा भूकंप संभावित क्षेत्र में आता है। बता दें कि दिल्ली इस लिस्ट में जोन-4 में रखा गया है।