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Hindi News फैक्ट चेक Fact Check: क्या इस महिला ने दिल्ली चलो मार्च के प्रदर्शनकारी किसानों पर उतारा अपना गुस्सा, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच

Fact Check: क्या इस महिला ने दिल्ली चलो मार्च के प्रदर्शनकारी किसानों पर उतारा अपना गुस्सा, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच

सोशल मीडिया पर आए दिन कोई न कोई वीडियो या खबर वायरल होती ही रहती है। इस वीडियो में से कुछ वीडियो फर्जी होते हैं, ऐसे में लोगों को यह तय कर पाना कि कौन-सा असली है और कौन फर्जी, ये थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में इंडिया टीवी आपके लिए इसकी सच्चाई तक पहुचने का काम करता है।

INDIA TV Fact Check- India TV Hindi Image Source : INDIA TV क्या इस महिला ने दिल्ली चलो मार्च के प्रदर्शनकारी किसानों पर उतारा अपना गुस्सा?

INDIA TV Fact Check: इन दिनों पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसान दोबारा से सड़कों पर उतर आए हैं इसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं। इसमें से एक वीडियो पर दावा किया जा रहा है एक बुजुर्ग महिला किसान आंदोलन की वजह से हो रही परेशानी पर बरस पड़ी। इस वीडियो की जब हमने पड़ताल की तो हमने ये दावा पूरी तरह गलत पाया।

क्या किया गया दावा

Image Source : Xदावा किए गए वीडियो का स्क्रीनशॉट

एक एक्स यूजर ने दावा किया कि एक बुजुर्ग महिला का प्रदर्शनकारियों पर पंजाबी में चिल्लाने का वीडियो वायरल हो गया है। यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''पंजाब की जनता रोज-रोज की नाकाबंदी से तंग आ चुकी है। पंजाब की एक बुजुर्ग महिला रोते हुए आंदोलनजीवी किसानों पर हमला बोल रही है कि 'आपकी मांग कभी खत्म नहीं होती, आप सब कुछ मुफ्त में चाहते हैं, केंद्र आपको बहुत कुछ मुफ्त में दे रहा है', इस कैप्शन के साथ ही "दिल्ली चलो" मार्च से संबंधित कई हैशटैग भी हैं।

पड़ताल में क्या मिला

Image Source : FB(News Nature)पटियाला के पटरान का असली वीडियो

इंडिया टीवी फैक्ट चेक में हमने पाया कि यह वायरल वीडियो नवंबर 2022 का है और इसका किसानों के विरोध से कोई संबंध नहीं है। ये वीडियो पटरान, पटियाला का है जहां कुछ किसानों ने फाइनेंशियल विवाद और बकाया राशि का भुगतान न होने के बाद पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ धरना दिया था। हमने वीडियो को सोशल मीडिया पर खोजा तो हमें फेसबुक पर एक न्यूज पोर्टल का लिंक मिला, जिसमें महिला ने प्रदर्शनकारियों के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की और रोजाना के प्रदर्शन पर सवाल उठाए, जबकि उस वक्त उन किसानों की कई मांगें कथित तौर पर पूरी हो गई थीं।

फर्जी निकला दावा

इससे पहले भी किसानों का पहला विरोध प्रदर्शन हलचल नवंबर 2020 से सितंबर 2021 तक चला था, और ये वायरल घटना से लगभग एक साल पहले की है। और ये दूसरी प्रदर्शन 12 फरवरी 2014 को शुरू हुआ। इससे यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो का इस प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है। इंडिया टीवी के फैक्टचेक में हमें यह दावा सरासर फर्जी मिला।

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