वर्ल्ड क्रिकेट के 5 ऐसे बल्लेबाज जो सचिन तेंदुलकर की गेंदबाजी पर हुए सबसे ज्यादा बार आउट

  • Image Source : Getty

    क्रिकेट के मैदान में 24 साल खेलने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपनी बल्लेबाजी से तो कई रिकॉर्ड बनाए लेकिन वो एक पार्ट टाइम गेंदबाज भी थे। जिसके चलते उन्होंने गेंदबाजी में कुछ दिलचस्प रिकॉर्ड अपने नाम किये। इस कड़ी में हम आपको बतायेंगे पांच बल्लेबाजों के नाम जो सचिन तेंदुलकर की गेंदबाजी के सामने टिक नहीं पाते थे।

  • Image Source : Getty

    सचिन तेंदुलकर के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार कोई बल्लेबाज आउट हुआ है तो वह पूर्व पाकिस्तानी कप्तान इंजमाम उल हक है। जब भी इंजमाम क्रीज पर टिके होते थे तो सचिन तेंदुलकर उन्हें आउट कर देते थे। टेस्ट और वनडे में सचिन के सामने इंजमाम कुल 7 बार आउट हुए हैं।

  • Image Source : Getty

    सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा अपने जमाने दिग्गज बल्लेबाज रहा करते थे। लेकिन लारा खुद सचिन की गेंदों के आगे पानी मांग देते थे। स्पिन खेलने में महारथ हासिल इस वेस्टइंडीज के बल्लेबाज के पास सचिन की गेंदों का कोई जवाब नहीं था। यही कारण है कि सचिन तेंदुलकर ने ब्रायन लारा को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 4 बार आउट कर पवेलियन की राह दिखाई है।

  • Image Source : Getty

    अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जिम्बाब्वे के महान बल्लेबाजों में एंडी फ्लावर का नाम जरुर आता है। मगर सचिन तेंदुलकर के सामने इस लेफ्ट हैण्ड बल्लेबाज को परेशानी का सामना करना पड़ा है। तेंदुलकर ने एंडी फ्लोवर को अपने करियर में 4 बार आउट किया है।

  • Image Source : Getty

    श्रीलंका के पूर्व कप्तान और दिग्गज खिलाड़ी अर्जुन रणतुंगा को भी सचिन तेंदुलकर ने करियर में 3 बार आउट कर पवेलियन भेजा है। श्रीलंका के वर्ल्ड कप विजेता कप्तान रणतुंगा ने दिग्गज गेंदबाजों को सहजता से खेला लेकिन सचिन तेंदुलकर के सामने उनकी भी एक नहीं चली और वो लगातार तेंदुलकर की गेंदों के आगे नतमस्तक नजर आते रहे। 

  • Image Source : Getty

    विश्व क्रिकेट के धाकड़ बल्लेबाज और श्रीलंकाई टीम के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने अक्सर सचिन की गेंदबाजी में अपना विकेट देकर चले जाते थे। सचिन ने अपने करियर में महेला जयवर्धने को 3 बार आउट किया। ज्यादा जोर लगाकर शॉट खेलने की बजाय जयवर्धने आराम से टाइमिंग के सहारे गेंद को सीमा रेखा से बाहर पहुंचाते थे लेकिन सचिन तेंदुलकर की गेंदों पर ऐसा करना मुश्किल होता था।